अयोध्या : जनपद में आम लोगों से ठगी और जालसाजी कर सरकार की संरक्षित भूमि नजूल का फ़र्जी एग्रीमेंट करने वाले एक और गिरोह का खुलासा हुआ है अयोध्या धाम क्षेत्र के अशर्फी भवन के पास अवध खास वाली इस जमीन का अभी हाल ही में एग्रीमेंट हुआ है जबकि ये असल में नजूल की संरक्षित जमीन है जिसका ये करार ( एग्रीमेंट) कानूनन तो हो ही नहीं सकता है जो कि पूर्णतः अवैध कृत्य और जालसाजी है लेकिन रजिस्ट्रार सदर कार्यालय मे मिलीभगत होने दलालों और ठगों की चांदी है जहाँ आम आदमी से सैकड़ों सवाल किये जाते हैं उसे दौड़ाया जाता है प्रॉपर्टी डीलरो, माफ़िया और अपराधियों का यहाँ जलवा है ये कुछ भी एग्रीमेंट कर सकते है जिलाधिकारी कार्यालय की बिक्री करने मे सक्षम हैं
गोंडा के मुस्लिम भाइयों ने खरीदने वालो को गुमराह करके चूना लगा दिया, अशर्फी भवन के पास अवध खास की नजूल जमीन का एग्रीमेंट करने वाले गिरोह सदस्य सरयू पार गोंडा का रहने वाले हैं वे आम लोगों को 1 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये मे लोगों को भूमि का एग्रीमेंट और बैनामा करने का दावा करते हैं धाम क्षेत्र मे अपना घर बनाने का सपना सजोने वाले भोले भाले लोग इनका शिकार हो रहे है जबकि उक्त भूमि सरकारी संरक्षित संपत्ति का हिस्सा है अगर नजूल की जमीन सरकार मारुशी कर देती है यानी अपना अधिकार नजूल से छोड़ देती है तो अयोध्या प्रशासन को उसी कानूनी आधार पर अयोध्या की सभी नजूल जमीनें छोड़नी पड़ेगी और उनका भी बैनामा दाखिल खारिज पर लगी रोक भी हटानी पड़ेगी वरना सारे नजूल के लोग हाईकोर्ट चले जायेगे और विवाद बढ़ता जायेगा फिर तो आधा अयोध्या नजूल से मारुशि हो जाएगा जिससे सरकार को अरबों खरबों की मौजूदा संपत्ति का नुकसान होगा मामले मे सिर्फ़ अयोध्या ही लखनऊ की विधानसभा मे राजनीतिक गर्माहट होना संभव है जिले मे सपा के कई बड़े नेता सरकारी कार्यो और विकास कार्यो मे भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते रहे हैं हैरानी तो तब होती है कि जिस नजूल की जमीन का तो एग्रीमेंट हो ही नहीं हो सकता तो रजिस्ट्रार सदर अयोध्या ने इसे बिना जांच पड़ताल के इसे करने कैसे दिया गया