साइबर ठगों ने दाव पर लगाई पुलिस की इज्जत, एफआईआर करने वाले बन रहे निशाना

Thejournalist
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अयोध्या : जनपद ही नही प्रदेश भी साइबर ठगो के इस नये पैतरे के चुंगल मे फंस रहा है इस बार निशाने पर है शिकायतकर्ता अगर आप किसी आपराधिक घटना के शिकायतकर्ता है तो आप भी ठगो का निशाना हो सकते हैं

https://www.thegroundreportweb.com/2024/04/blog-post.html

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 एफआईआर यूपी पुलिस की वेबसाइट पर ऑनलाइन होतीं है उसमें शिकायतकर्ता का नाम पता और मोबाइल नंबर भी होता है ठग उसी जानकारी के अनुसार ठग शिकायतकर्ता को फोन करते हैं और पुलिसकर्मी/ अधिकारी बनकर एफआईआर मे धाराये और अन्य लोगों के नाम बढ़वाने, आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के नाम पर पैसे मांगे जाते है ठगो के पास सुनियोजित वॉटसएप नंबर व फ़र्जी नामों के यूपीआई से लिंक बैंक अकाउंट भी होते है अब पुलिस का भ्रष्टाचार व लोगों मे पुलिस का डर अपराधियों की ताकत बन रहा है लगातार लोगों के पास पुलिसकर्मी बनकर ठगो के फोन आ रहे है और लोग पुलिस के नाम पर ठगी का शिकार हो रहे हैं , ताजा मामला जनपद के कोतवाली नगर थाना क्षेत्र से जुड़ा है पीड़िता अपर्णा पुत्री हरीराम , निवासी - बैंक कालोनी खोजनपुर ने हमारे व्युरो को बताया कि वह दहेज उत्पीड़न व घरेलू से पीड़ित महिला है और ससुरालीजनो ने उन्हें प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया है जिसके लिए उसने पुलिस मे शिकायत दर्ज कराई थी ,दिनांक 8 मई को उनकी एफआईआर दर्ज हुई , जिसके कुछ देर बाद ही मोबाइल नंबर : 9219073325 व 8878484154 से कई फोन आये और उससे कहा गया कि तुम्हारी एफआईआर दर्ज हो गई है उसमे पैरवी करनी है तुम्हारे ससुराल वालों को गिरफ्तार करना है 5 हजार रुपये बताये नंबर पर ऑनलाइन ट्रांसफर कर दो, पीड़िता ने बताया कि उसके पास पैसे नही हैं वह स्वय परेशान है लेकिन उसे लगातार फोन आते रहे कि अगर पैसे नही दिये तो एफआईआर रद्द हो जायेगी, पीड़िता ने डर और कम विधिक जानकारी के अभाव मे एक रिश्तेदार से पैसे लेकर  उस नंबर पर भिजवा दिये, लेकिन मोबाइल नम्बर : 7477012882 , 9755413564 व 9795413564 से फोन करके पीड़िता से और पैसों की मांग की जा रही है और उसे लगातार परेशान किया जा रहा है पीड़िता ने मामले मे स्थानीय पुलिस व क्षेत्राधिकारी को लिखित शिकायत देकर कार्य वाही की मांग की है लेकिन देखना ये है कि पुलिस की साख दाव पर लगातार और पुलिसकर्मी बनकर पीड़ितों को ही लूटने वाले गिरोह को कब दबोच सकेगी 

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