अयोध्या : मामला जनपद के विकास भवन स्थित उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम लिमिटेड से जुड़ा है जहाँ पीड़ित / शिकायतकर्ता मोहम्मद कलीम पुत्र मोहम्मद शरीफ निवासी सत्य लक्ष्मी सागर,लालबाग, थाना कोतवाली नगर जनपद अयोध्या ने हमारे व्युरो को बताया कि दिनाँक 2 फरवरी 2023 को जिला प्रबंधक उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम लिमिटेड अमित प्रताप सिंह के नाम से नोटिस आया उसमें बताया गया कि आपको टर्म लोन योजनान्तर्गत निगम से बाजाज ऑटो योजना, हेतु रू० 46,250 का लोन दिनाँक 01 जनवरी 1997 को दिया गया था, जिसकी अदायगी आपके द्वारा निगम को की जानी है परन्तु अब तक आप द्वारा मात्र रू0 15,538 धनराशि निगम को वापस की गयी है ऐसा प्रतीत होता है कि निगम की बकाया धनराशि लौटाने में आपकी कोई रूचि नही है तथा आप योजना सही ढंग से संचालित न कर निगम से प्राप्त ऋण का दुरूपयोग कर रहे है आपको सचेत किया जा रहा है कि आप एक सप्ताह में निगम को रू0 2,62,139 जमा करना सुनिश्चित करें अन्यथा दस दिनों के बाद आपके विरूद्ध उ०प्र० लोकधन (देयो की वसूली) अधिनियम, 1972 के अन्तर्गत आर०सी० जारी करने की अग्रिम कार्यवाही की जायेगी, जिस पर आपको 10 प्रतिशत कलेक्शन चार्ज भी अतिरिक्त देना होगा, जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व आपका होगा
पीड़ित ने नोटिस का दिया जबाव, विभाग द्वारा लगातार किया जा रहा है प्रताड़ित
पीड़ित को नोटिस मिलने के जब उसे लोन की जानकारी हुई तो परेशान हो गया विभाग गया तो उसे एक सप्ताह मे पैसे जमा करने को कहा गया पीड़ित ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस का जवाब दिया और बताया कि उसने किसी प्रकार का कोई लोन नही लिया है कृपया विभाग बताये कि लोन के पैसे किस खाते या चेक से दिये गए ?, वाहन के लिए दिये लोन तो वाहन, वाहन संख्या, आरसी नम्बर के कागजात कहाँ ? लोन लेने के बाद कागजातो पर किस प्राप्त कर्ता के हैं हस्ताक्षर? किसको सौंपा गया था वाहन ? लोन की किस्त किसने जमा की? लोन वसूली के लिए नोटिस देने के लिए 26 साल का समय क्यों लगा ? अब सिर्फ़ 10 दिन में पैसे वसुलने की जल्दबाजी क्यों ? नोटिस का जबाव मिलने के बाद विभाग ने पीड़ित के वाजिब सवालों के जबाव नही दिये जिससे पूरी जालसाज़ी का पर्दाफ़ाश हो गया है पीड़ित गवाहों के नाम के आधार पर उनसे मिला तो उन्होंने कहा कि उन्हें किसी लोन की जानकारी नही है ना ही वह किसी वाहन के गवाह बने थे सरकारी योजनाओं का लाभ देने के नाम पर हमारे घर के नजदीक एक कैंप लगा था जहां फॉर्म भरवा कर दस्तख्त कराये गए थे और बाद मे कहाँ तुम्हारे फॉर्म निरस्त हो गए इससे ज्यादा हमें जानकारी नही है अपनी बातों की पुष्टि के लिए उन्होंने लिखित शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया है विभाग द्वारा लगातार पीड़ित को फोन कर प्रताड़ित किया जाता है और कार्यालय बुलाकर बेज्जत किया जा रहा है 2 फरवरी 2023 के बाद भेजे नोटिस के जबाव मे जब से पीड़ित ने जानकारी माँगी है तब से 10 दिन मे आर सी जारी करने , जेल भेजने की धमकी देने वाले विभाग ने कोई जबाव नही दिया, ये देश कथित लोकतंत्र और नौकरशाहों की ग़ुलामी वाली व्यवस्था का वास्तविक चेहरा है