दुनिया का सबसे कुख्यात ठग मिथलेश श्रीवास्तव उर्फ़ नटवरलाल क्यो बनना चाहता है ज्ञानेंद्र ?

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अयोध्या : मामला जनपद के कोतवाली नगर क्षेत्र से जुड़ा है पीड़ित आज्ञाराम ने बताया कि वह पहले श्री ब्रह्म बाबा महाराज लिम्का फैक्ट्री के निकट स्थान पर भगवान की सेवा करते थे जिसके लिए उन्हें 3 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते थे वहाँ रोजाना ज्ञानेंद्र नाम का व्यक्ति आता था जो वहाँ ट्रस्ट के लोगों से मिलता था एक दिन उसने पीड़ित को बताया कि यही पास मे मेरी जमीन है तुम ग़रीब हो तुम्हे घर बनवाने के लिए जमीन दूंगा, पीड़ित ने बताया कि उसके पास पैसे नही है तो वह कई महीने पीछे पड़ा रहा है पीड़ित को भरोसे मे लिया उसने कहा कि वह अवध युनिवर्सिटी मे नौकरी करता है, ट्रांसपोर्ट का मालिक है उसके पास कई इंश्योरेंस कंपनियों की फ्रेंचाइजी है उसने सिंह पेट्रोल पंप के बगल अपना कार्यालय बताया और चेक के माध्यम से पीड़ित से उसकी वर्षों की कमाई 1 लाख 70 हजार ले लिए, उसके बाद अपनी पत्नी के इलाज के नाम पर 1 लाख 10 अलग अलग किस्तो मे लिए और 2 लाख 80 हजार ठग लिए




ऐसे खुली महा ठग की पोल


पीड़ित से ठगी करने के बाद ठग माफिया गायब हो गया और ब्रम्ह बाबा स्थल आना छोड़ दिया उनके दिये सभी मोबाइल नंबर बन्द आने लगे, पीड़ित महीनों उसके बताये पते पर उसे ढूढ़ता रहा लेकिन कुछ पता नही चला, पीड़ित जब हमारे व्युरो से मिला तो हमने उसे ढूढ़ने का प्रयास किया और दिये पतों की पड़ताल की बिकापुर रेलवे स्टेशन के पास आवास और अवध युनिवर्सिटी के सामने गली मे कराये के मकान का पता फ़र्जी निकला, दिनाँक 12 दिसंबर 2021 को खादी ग्रामोद्योग नाका चुंगी के सामने पीड़ित को ठग को देखा उसने ठग को रोकने के लिए हाथ दिखाया,दबंग ने पीड़ित को अपनी मोटरसाइकिल से कुचलने का प्रयास किया लेकिन पीड़ित बाल बाल बच गया और लोगों ने ठग को पकड़ लिया, और उसका पहचान पत्र मांगा लेकिन ठग ने देने से इंकार कर दिया जब लोगों द्वारा पुलिस को फोन किया गया तो ठग ने अपने आधार कार्ड की छाया प्रति पीड़ित को दी और कहा कि वह पैर पकड़ कर उससे माँगी मांगता है 10 दिन मे ठगी का पैसा वापस कर देगा और पुलिस आने से पहले भाग निकला


ऐसे मिला महाठग का रहस्य , कानून के अंधे होने व विकलांगता का उठा रहा है फ़ायदा


हमारे व्युरो ने ठग के आधार कार्ड के पते पर पड़ताल की तो पता चला कि लोगों के पकड़ लेने के बाद ठग ने डर से अपना असली आधार पता दे दिया है ग्राम महानमऊ, रामपुर भगन में उसका पैतृक निवास है ग्रामीणों ने दबी जुबान मे बताया कि कुछ वर्ष पूर्व ज्ञानेंद्र सऊदी/ कुवैत जाना चाहता था जिसके लिए उसने कुछ लोगों ने उससे पैसे लिए लेने ना पैसे वापस मिले ना ही खाड़ी देश नौकरी करने नही जा सका, जिससे इसको कानून की कमजोरी की जानकारी हुई कि स्वय ही लोगों को साबित करना होता है कि उनके साथ ठगी हुई है, वर्षों न्यायालयों के चक्कर लगाने और जो बची हुई कमाई लुटाने के बाद आरोपी को छोटी से सजा मिलेगी, अधिकतर को मिलती भी नही है, घटना से प्रेरित ठग ने इसे अपना पेशा बना लिया और खुद को यूनिवर्सिटी कर्मचारी बताकर छात्रों से नंबर बढ़वाने, फ़र्जी मार्कशीट, जमीन दिलाने, नौकरी आदि का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे और गाँव से भाग कर जिला मुख्यालय मे भी यही ठगी शुरू की , छोटी छोटी रकम होने से दर्जनों लोगों ने शिकायत भी दर्ज नही कराई, जिस किराये के कमरे का पता पहले उसने दिया था व फ़र्जी निकला, ठग ज्ञानेंद्र के पिता राज मिस्त्री ( मकान बनाने का काम) करते है कुछ लोगों ने कहा कि वह लोगों को अपने फ़र्जी नाम ज्ञानेंद्र यादव, ज्ञानेंद्र वर्मा, ज्ञानेंद्र सिंह साथ ही पते भी फ़र्जी बताता है उसके पास कई आधार कार्ड है, वह अवध युनिवर्सिटी मे कर्मचारी नही है जब भी अपने परिवार से मिलना होता है रात 2 बजे से 4 बजे के बीच खेतों के बीच बुलाकर अपने परिवार से मिलता है और वही से भाग जाता है कोई अगर उसके घर पैसे मांगने जाता है तो परिजनो द्वारा उससे अभद्रता की जाती है और फ़र्जी एससी/ एसटी के मुकदमे मे फँसाने की धमकी दी जाती है लम्बे समय से ठग का यही व्यापार है पुलिस ने जब उसे पकड़ने की कोशिश की ये हर बार भाग निकला 


आईपीएस अधिकारी मेरा साला है पुलिस कुछ नही कर पायेगी


पीड़ित आज्ञाराम ने जब अपने साथ हुई ठगी और हत्या के प्रयास की शिकायत दर्ज कराई तो तत्कालीन चौकी इंचार्ज हवाई पट्टी द्वारा रुपये मांगे गए , पीड़ित पैसे नही दे सका और एसपी ,एसएसपी ,मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र दिया , जिसके बाद पुलिस ने पीड़ित का प्रार्थना पत्र बदलकर लीपापोती करते हुए सिर्फ़ संविदा भंग की धारा मे रिपोर्ट दर्ज कर दी, पीड़ित तब से न्यायालय के चक्कर लगा रहा है, ठग लोगों को लगातार निशाना बनाते हुए मशहूर होता रहा व खुलेआम घूम रहा है, ठग ने पीड़ित से पैसे लेने के बाद धमकी देते हुए बताया था कि उसने बहुत पैसे लोगों से लिए आज तक कोई वापस नही ले सका, लोग पैसे भूल गए तू भी भूल जा नही तो लड़ते लड़ते मर जायेगा , मेरा थाना चौकी मे तगड़ा पकड़ है आईपीएस अधिकारी मेरा साला है पुलिस कुछ नही कर पायेगी, थोड़े - थोड़े पैसों के लिए मुझसे मत उलझो नही तो 50 हजार किसी को दे दूंगा तो तेरी जान चली जायेगी, पैसा तो तू फ़िर कमा लेगा, वैसे भी तू लावारिस है , पैसे की कदर मेरे जैसे लोगों को है तुम क्या करोगे, मैं कई साल से यही कर रहा हूँ तुमको क्या लगता है कि लोगों को ठगना आसान है बहुत झांसा देना होता है तब लोग भरोसा करते हैं, नौकरी से इतना पैसा नही कमा सकता है कोई 


ट्रस्ट के लोगों ने बनाया था निशाना

पीड़ित के अनुसार उसने अपने साथ हुई ठगी के बारे मे ब्रह्म बाबा ट्रस्ट के लोगों को बताया था ट्रस्ट के लोग यादव बंधु थे उन्होंने ने ही ठग को पीड़ित को निशाना बनाने के लिए चुना था और सारी जानकारी दी थी, पूजा स्थल पर चौकी इंचार्ज का भी रोज आना जाना था, पीड़ित ने जब लिखित शिकायत चौकी पर दी थी तब ट्रस्ट के लोगों द्वारा शिकायत वापस लेने की धमकी दी गयी और बोला गया कि उसके खिलाफ़ शिकायत क्यों दिया ज्यादा दिमाग लगाओगे तो चोरी का इल्ज़ाम लगाकर जेल भिजवा देंगे , लेकिन जब पीड़ित ने ठग के खिलाफ़ शिकायत वापस नही ली तो उसे मन्दिर से निकाल दिया गया, साथ ही पुलिस के साथ मिलकर पूरे मामले मे लीपापोती कर दी गई

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