उत्तरप्रदेश : मामला प्रदेश के धार्मिक स्थलों से जुड़ा है जिसमें अयोध्या, काशी ( वाराणसी) और मिर्जापुर का विंध्यवासिनी दरबार प्रमुख है जहाँ वर्ष भर रोजाना लाखों की संख्या मे श्रधालु दर्शन कर रहे हैं मंडल व्युरो चीफ अवध की दुनिया अयोध्या परिक्षेत्र और द ग्राउंड रिपोर्ट ने अपने सर्वे मे पाया कि विगत कई वर्षों मे भाजपा सरकार मे दर्जनों की सख्या मे परियोजनाओं के जरिये धर्म क्षेत्रों का बेहतर विकास किया गया है जिससे श्रधालुओ की संख्या मे कई गुणा तक बढ़ोतरी हुई है राम नगरी मे बिना किसी मेले व त्यौहार के लगभग 2 लाख लोग रोजाना राम लला के दर्शन कर रहे हैं, काशी मे लभभग 1 लाख से 1 लाख 20 हजार और विंध्यवासिनी दरबार मे लगभग 40 हजार लोग रोजाना हाजिरी लगा रहे हैं
गन्दा है पर धंधा है
लेकिन तमाम दावो के वावजूद पुरानी समस्याएं जस की तस हैं भीड़ को देखते हुए सरकारी सुविधाएं पर्याप्त नही हैं बस ड्राइवर और उनके सहयोगी खाली बसे दौड़ाते है लेकिन श्रधालुओ को बैठाते नही है जिनको बैठाते है उनसे पैसे लेते हैं टिकट नही देते है सरकार को लगता है अधिक बसो का संचालन हो गया जिससे विभाग घाटे मे चला गया, ई रिक्शा और टैक्सी वाले श्रधालुओ को गलत रास्ते से घुमाकर ले जाते है 1 से 2 किलोमीटर के 400 से 1000 रुपये की वसूली कर रहे है श्रधालु अपना कुछ सामान भी लेकर चलते हैं और दूसरे शहर से अंजान होने पर लगातार लूट का शिकार हो रहे है टैक्सी ड्राइवर व ई रिक्शा चालक लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हे टैक्सी बुकिंग के लिए मजबूर करते हैं चाहे वह व्यक्ति अकेले ही क्यों ना हो, उनके लिए वह श्रधालुओ की वेशभूषा, भाषा के जरिये उन्हे निशाना बनाते है यह समस्या दशकों पुरानी है जिसमे सुधार होता दिख नही रहा है और धर्म क्षेत्रों की लगातार बदनामी होती है, इसके अलावा होटल संचालकों ने कहर ढा दिया है कमरे की कीमतों से 4 गुणा तक अवैध वसूली करते है इसके लिए वह दलालो का इस्तेमाल भी करते हैं
दलाल परेशान मजबूर और परेशान लोगों होटलों मे लाते है और आवश्यकतानुसार लोगों को गुमराह भी करते हैं कि कही भी होटलो मे जगह नही है , श्रधालु अलग राज्यो, जिलों और देश के अलग अलग हिस्सों से यहाँ आते है उन्हे अपने साथ हो रही लूट खसोट का पता होने के वावजूद विवाद से बचने और समय बचाने के लिए इन अपराधियों का अत्याचार बर्दास्त करते है लेकिन सरकार से लेकर प्रशासन सब धतूरा खाकर पड़े हैं किसी को कुछ पता नहीं चल रहा है इन्हे तब पता चलेगा जब सत्ता चली जाए खाली हो जाए, हालाँकि नौकरशाहों को पिछली सरकारों की तरह रोज नेताओ की गालियाँ और सड़क छाप नेताओ के लात - घुसे नही मिल रहे हैं जिससे इनके दिमाग में अधिक चर्बी जमा हो गई है और ये हुड हुड दबंग बन गए, दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है वैसे भी योगी सरकार नौकरशाहों की सरकार है जब सरकार जायेगी तभी बदलाव संभव है बाकी सबके मालिक राम है