अयोध्या : मामला जनपद के सिविल लाइन क्षेत्र से जुड़ा है जहाँ अधिकारियों, नौकरशाहों और न्यायाधिकारियो के सरकारी आवास है और इनके धन्ना सेठों के होटल और व्यवसायिक स्थल हैं जहाँ ये जीवन आनंद प्राप्त करते है या गुंडा टैक्स वसूलते हैं हालाँकि मौसम पूरे प्रदेश का बदला है और मच्छरों का आतंक जिले मे हर जगह है लेकिन नगर निगम की कृपा सिर्फ़ इसी क्षेत्र पर रहती है यही पर ही फॉगिंग होती है यही पर ही दवाओं का छिड़काव भी होता है सरकारी आवासों मे क्योकि नगर निगम नाम की दुकान इन नौकरशाहों की सेवा के लिए ही खोली गई है बाकी जनता तो टैक्स देने और विकास रूपी गढ्ढे और सीवर मे गिरकर मरने के लिए ही पैदा हुई है, सरकार किसी की भी जनता को जानवर से ज्यादा अहमियत नही दी जाती है
जिलवा बनल बा अंधेर नगरी, नितिशे कुमार है राजा
बाकी नितिशे कुमार डीएम है ही, इनके हिसाब से जिले मे सब चंगा है ग़रीब चाहे भूख से मरे चाहे डेंगू- चिकनगुनिया से इनका व्यापार तो चल ही रहा है, उनके ऑफिस को छोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर मे कभी फॉगिंग की जहमत नगर निगम उठाता नही ये अर्ध निद्रा मे चलने वाले को कुछ दिखता नही हजारो अधिवक्ता/ वादकारी/कर्मचारी/पुलिसकर्मी रोजाना परिसर मे आते हैं कई जगह तो गंदगी का अंबार है लेकिन कभी फॉगिंग नही कराई जाती है हमारे व्युरो ने एक नगर निगम कर्मी से परिसर मे फॉगिंग का अनुरोध किया तो बताया गया की आदेश नही है, जहाँ बोला जाता है वही दवाओं का छिड़काव होता है ,जिस परिसर मे डीएम दिन भर अपनी सिपहसालारों के रहते हैं ऑफिस छोड़कर उसी की दुर्दशा है तो जिला भर के लोगों को राम - राम करने के अलावा कोई चारा नही है