अयोध्या : जिले की पुलिस का एक और काला चिठ्ठा,पीड़िता के पिता को किया प्रताड़ित,3 दिन थाने मे बैठाये रखा 151 CRPC में किया चालान महाराजगंज पुलिस ने नही दर्ज की एफआईआर, नही कराया पीड़ितों का मेडिकल ,पीड़िता थलेश पुत्री घिर्राऊ, निवासी ग्राम- दुर्गापुर रमपुरवा, थाना- महराजगंज ने हमारे व्यूरो से बात करते हुए बताया कि दिनांक- 22 नवंबर 2023 को दिन मे लगभग 10 बजे वह अपने घर से कुछ दूर गोबर के उपले बनाने गई थी थोड़ी देर बाद जब पीड़िता पेशाब करने के लिए बगल गन्ने के खेत में गई तो वहां पहले से पीड़िता पर घात लगाए गाँव के ही संजय, अरूण, सूरज पुत्रगण झिन्कू लाल और हरीराम व झिन्नू लाल पुत्रगण रामलौट गन्ने के खेत में आ गये और संजय, अरूण व सूरज ने बुरी नियत से पीड़िता को पकड़ लिया और सभी लोग बेइज्जत करने की नियत से कपड़ा खींचने लगे
जब दबंग अपनी मंशा में सफल नहीं हुए तो पीड़िता को मारने पीटने लगे। पीड़िता जब चिल्लाई तो बगल खेत में काम कर रहे पीड़िता के भाई अरविन्द रंजीत व छोटू दौड़कर आये तो आरोपी बौखला गए और अपने हाथों में लिए हुए लाठी-डण्डों व हसिये से बुरी तरीके से मारा-पीटा जिससे पीड़िता व पीड़िता के भाईयों को गम्भीर चोटें आई पीड़िता के भाई अरविन्द को सिर व बायें हाथ में गम्भीर चोटें आई और हाथ टूट गया, पीड़िता ने अपने पिता को बुलाया और अपने पिता व भाईयों के साथ थाने पर गई, तो थाने पर थानाध्यक्ष ने मेरे पिता जी को थाने पर बैठा लिया और तीन दिन थाने पर बैठाये रखने के बाद दिनांक- 25 नवम्बर 2023 को पीड़िता के पिता का सिर्फ एक पक्षीय 151 सी०आर०पी०सी० की कार्यवाही करने हुए अदालत भेज दिया, जब की दबंगो और अपराधिक तत्वों पर कोई कार्यवाही नही की पीड़िता के भाई अरविन्द का बांया हाथ टूटा है तथा सिर में गम्भीर चोट है जिसके कारण उसे बार-बार उल्टी की शिकायत व चक्कर आ रहा है किन्तु थानाध्यक्ष द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मया बाजार द्वारा जिला अस्पताल को एक्स-रे व सिटी स्कैन की सिफारिश किए जाने के बावजूद पीड़िता के भाईयों को मेडिकल के लिए नही भेजा हैं जिससे पीड़िता का भाई गम्भीर स्थिति से जूझ रहा है और थानाध्यक्ष विपक्षियों से मिले होने के कारण न तो पीड़ित परिवार का मुकदमा दर्ज कर रहे हैं और न ही दवा इलाज ही मुहैया करा रहे है पीड़िता ने मामले मे online जन सुनवाई पोर्टल के जरिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र भेजकर मामले को संज्ञान मे लेने और आरोपियों पर कार्यवाही की गुहार लगाई है, पीड़िता के अनुसार वह और उसका परिवार कई दिन से दर दर भटकने को मजबूर है पीड़िता होते हुए, आरोपी बनाकर पुलिस ने उसके पिता को ही जेल भेज दिया, और चोटहिल का दवा इलाज तक नही कराया, जिससे पूरा परिवार आहत है ख़बर प्रकाशित होने के बाद पुलिस द्वारा एफआईआर तो पंजीकृत कर ली गयी है लेकिन पीड़िता का आरोप है झगड़े की सामान्य धाराओ मे एफआईआर दर्ज की गई है पीड़िता ने पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया था उसे बदलवा दिया गया था