अयोध्या : सिस्टम का मोतियाबिंद, नगर निगम का काला चिठ्ठा
मामला जनपद के नगर निगम अयोध्या अंतर्गत भवन संख्या पुराना - 11/13/4A नया 1/1/6 मोहल्ला - विद्याकुण्ड वार्ड धाम क्षेत्र अयोध्या से जुड़ा है पड़ताल के दौरान हमारे अवध की दुनिया हिंदी दैनिक समाचार पत्र के व्युरो को कर निर्धारण अधिकारी व नगर आयुक्त विशाल सिंह के आदेश की प्रति प्राप्त हुई जिसके अनुसार विद्याकुण्ड क्षेत्र की कर निर्धारण पंजिका वर्ष 2006-11 के स्वामित्व में महन्त सत्यनारायण दास उर्फ योगिराज पहाड़ी बाबा चेला स्व० रघुवर दास का नाम दर्ज है। सत्यनारायण दास की आकस्मिक मृत्यु दिनांक 14.07.2021 के उपरान्त वरासत के आधार पर नामान्तरण हेतु दिनांक 25.09.2021 को महन्त शैलेशदास चेला स्व० रघुवर दास दिनांक 02.09.2021 को महन्त विश्वम्भर दास शिष्य स्व० रघुवर दास व दिनांक 28.10.2021 को महन्त रामनरायण दास चेला स्व० सत्यनारायण दास उर्फ योगीराज पहाड़ी बाबा ने प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया था जिस पर उ० प्र० नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 213 (1) की नोटिस जारी की गई है। तीनों आवेदनकर्ताओं द्वारा पंजीकृत महज्जरनामा के आधार पर नामान्तरण करने का प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया था सम्बन्धित पक्षों को दिनांक 15.02.2023, 16.03.2023 व दिनांक 17.05.2023 को सुना गया। उक्त तिथियों पर सम्बन्धित पक्ष उपस्थित हुए अपने-अपने पक्ष रखे। उभयपक्षों को पर्याप्त अवसर एवं समय देते हुए उनके द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य अभिलेखों का परिशीलन एवं अवलोकन किया गया। पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों / साक्ष्यों के आधार पर यह तथ्य सामने आया कि तीनों आवेदनकर्ताओं का नामान्तरण प्रार्थना-पत्र पंजीकृत महज्जरनामा के आधार पर प्रस्तुत किया गया है। जिसमें -दो आवेदनकर्ता शैलेशदास चेला स्व० रघुवर दास, श्री विशम्भरदास शिष्य स्व० रघुवर दास के पंजीकृत महज्जरनामा में चेला के रूप में स्व० रघुवर दास दर्शित पाया गया है जिसके आधार पर कर निर्धारण पंजिका वर्ष 2006-11 में नामान्तरण आदेश पारित करते हुए जिला कर निर्धारण अधिकारी द्वारा आदेश किया गया कि दिनांक 18.05.2016 से दर्शित होता है कि महन्त सत्यनारायण दास चेला योगिराज पहाड़ी बाबा के पारिवारिक सदस्य के रूप में सबसे करीबी रहे है। इसलिए महन्त रामनरायणदास चेला स्व० सत्यनारायण दास उर्फ योगिराज पहाड़ी बाबा का वरासत नामान्तरण प्रार्थना-पत्र दिनांक 28.10.2021 पत्रावली पर उपलब्ध सुसंग साक्ष्यों / अभिलेखों के आधार पर स्वीकार किया जाता है तथा महन्त शैलेश दास चेला स्व रघुवर दास का नामान्तरण प्रार्थना-पत्र और महन्त विशम्भर दास शिष्य रघुवर दास का नामान्तरण प्रार्थना-पत्र सुसंगत साक्ष्यों के पर बलहीन होने के कारण निरस्त किया जाता है
नगर आयुक्त ने नियमो को ठेंगे पर रखकर दिये आदेश
नगर आयुक्त विशाल सिंह ने जिला कर निर्धारण अधिकारी का आदेश बिना किसी अधिकार या नियम के पलट दिया और दिनांक 04.08.2023 को फरमान सुनाया कि कर निर्धारण अधिकारी द्वारा दिनांक 18.06.2023 को जारी आदेश को निरस्त किया जाता है तथा भवन सं0 1/1/6 पर पूर्व की स्थिति बहाल करते हुए महन्त सत्यनारायण दास उर्फ योगीराज पहाड़ी बाबा मेला रघुवर दास का नाम दर्ज हो सभी पक्ष स्वामित्व निर्धारण माननीय न्यायालय से प्रस्तुत करें , जब कि नगर आयुक्त को यह आदेश देने का अधिकार ही नही है मामले को नगर आयुक्त या कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम द्वारा सुना जा सकता है लेकिन बिना नियम के दोनों ने एक ही मामले पर आदेश सुना दिया है जबकि कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम के आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायालय कलेक्ट्रेट परिसर मे लघु वाद न्यायालय है
विकास प्राधिकरण मे भी मिला है सचिव का पद , विवादो से पुराना है रिश्ता
सीएम योगी के करीबी नगर आयुक्त विशाल सिंह विकास प्राधिकरण के सचिव भी हैं प्राधिकरण के सचिव होने के नाते इनके खिलाफ आवाज उठाने वालों पर दबाब बनाना, लोगों को डराना आसान हो जाता है नियावा स्थित प्रेम सोनी मार्केट के स्वामी ने विनाश प्राधिकरण के उपर गम्भीर आरोप लगाते हुए बताया था कि प्राधिकरण के अधिकारीयों को रिश्वत सेवा शुल्क नही देने पर उनकी करोडो की मार्केट को अवैध बताकर रातोंरात तोड़ दिया गया और उनके ऊपर झूठी एफआईआर भी दर्ज कराई गयी, जबकि सिस्टम का मोतियाबिंद इतना अधिक है कि जनपद के सैकड़ो अवैध मानकों के विरुद्ध व्यवसायिक स्थल है 90 % मॉल, गेस्ट हाउस, होटलो ,अस्पतालो व दुकानों के पास पार्किंग तक नही है लेकिन वो नगर निगम को नही दिखता है सारे गोरखधंधे इनकी सह पर ही चल रहे हैं
आत्म ज्ञान प्राप्ति के कारण पलट दिया आदेश
मामले पर विचार करिये और समझिये कि जिस मामले की अपील व सुनवाई लघु वाद न्यायालय मे होनी चाहिए उस आदेश को निरस्त करने की इन्हे जल्दबाजी क्यो थी ? अगर इन्हे मामले मे विशेष लगाव था तो कर निर्धारण अधिकारी के पास मामले को क्यों भेजा ? मामले मे जब दूसरी बार स्थगन आदेश पारित किया गया तब स्पष्ट कारण नही बताया गया, बस मन कर दिया तब पलट दिये , ये रातों रात हृदय परिवर्तन और आत्म ज्ञान की प्राप्ति अधिकारियों को क्यों होती है इसका कारण पूरे देश को पता है