फैक्ट चेक /सोशल मीडिया : मामला सोशल मीडिया मे वायरल एक वीडियो का है जिसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म Twittar. Com पर @rofl_swara1 नाम के हैंडल से पोस्ट किया गया था, 30 जुलाई 2023 को 8:27 पर एक ट्विट जिसमे लिखा गया कि हिंदू राष्ट्र बनाने का अभ्यास करते संत जी जिसके साथ यह वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमे एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति के साथ एक कमरे मे दो महिलाएं है और कुछ लोग जबरन कमरे मे घुसकर अधेड़ से मार पीट कर वीडियो रिकार्ड कर रहे है वीडियो मे दिख रही महिलाएं उन्हे वीडियो बनाने से मना कर रही है
और अपने कपड़े सही करने की कोशिश कर रही हैं लेकिन वीडियो बना रहे लोग उनके साथ भी अभद्रता कर रहे हैं देखते ही देखते यह वीडियो ट्विटर, वॉटसएप, फेसबुक व यूट्यूब पर ट्रेंड करने लगा, इस्लामिक कट्टरपंथियों, वामपंथी और कुछ राजनीतिक दलों व ख़ुद को मूल निवासी बौद्ध बताने वाले लोगों ने इसे जमकर शेयर किया और हिंदू साधु संतो को गालियाँ देते हुए बहुत सारी अभद्र टिप्पणीयाँ की, वायरल वीडियो जब हमारी टीम ने देखा तो इस जान बूझकर सुनियोजित साजिश के जरिये फैलाई गई इस अफवाह की हमारी टीम ने पड़ताल की तो हमें पता चला कि इंडिया टुडे न्यूज़ नेटवर्क समूह की एक रिपोर्ट में पाया गया कि यह वीडियो भारत का नहीं है वीडियो मे दिख रहे अधेड़ का नाम पल्लेगामा सुमना थेरो है जो कि एक बौद्ध भिक्षु हैं उन पर और दो महिलाओं पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने उन चारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद मे उन्होंने भिक्षु से माफ़ी माँग ली थी जिसके बाद उन्हें रिहा भी कर दिया गया क्योंकि सुमना थेरो ने अपनी शिकायत वापस ले ली थी
हमारी पड़ताल मे कट्टरपंथी संगठनो और हिंदू घृणा से भरे लोगों के हिंदू साधु संतों को बदनाम करने के प्रचारित दावे झूठे निकले है वीडियो श्रीलंका के नवागामुआ के बोमिरिया रस्सपाना इलाके का है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वीडियो में दिख रहा व्यक्ति कोई हिंदू साधु नहीं है और ना ही भारतीय है जबकि वीडियो एक बौद्ध भिक्षु का है जो श्री लंका मे रहते हैं