राजस्थान : राज्य के पाली से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिस सुनकर लोग विफर गए है यहां बेटी की लव मैरिज और लगातार अपमान से दुःखी मां-बाप ने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी और छोटा भाई घर से पहले ही भाग गया है लोग आदेशां जता रहे है कि उसने भी कोई भयावह कदम ना उठाया हो, बेटी के प्रेम विवाह से दुःखी माता-पिता को पुलिस स्टेशन मे बुलाया गया था जहाँ लड़की ने उन्हे भला बुरा कहा और जलील किया जिससे आहत दम्पति ने ट्रेन के आगे आकर आत्महत्या कर ली, माता-पिता की मौत की खबर सुनने के बाद भी कलयुगी बेटी लाश देखने व अंतिम संस्कार मे नहीं आई ,मामला पुराने हाउसिंग बोर्ड पाली कालोनी स्थित पाली का है यहां रहने वाले 55 वर्षीय अशोक व्यास का पूरा परिवार बच्चों के ज़्यादा लाड प्यार में तहस-नहस हो गया, इसका कारण उनकी 21 वर्षीय बेटी बनी ,अशोक व्यास सब्जी मंडी में सब्जी बेचने का काम करते थे ,उन्होंने गरीबी में अपने बेटा बेटी को पढ़ाया और लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करने की शिक्षा दी लोगों के साथ भेदभाव करना नही सिखाया, सोमवार की सुबह उनकी बेटी शेजल घर से कॉलेज के लिए निकली थी लेकिन शाम को वो घर ना आकर अपने प्रेमी रोहित गौरी के साथ एसपी के समक्ष पेश हो गई, जहां उसने पुलिस को बताया कि उसने अपने सहपाठी व प्रेमी रोहित से शादी कर ली है, रोहित की मुलाकात शेजल से कॉलेज में हुई थी, जहां दोनों दोस्त फ़िर आशिक बन गए ,शेजल ने पुलिस को बताया कि वो बीए सेकंड ईयर की छात्रा है उसने रोहित से शादी कर ली है लेकिन अब उसे माता-पिता से प्रेमियों को जान का खतरा है उसने एसपी से कहा कि मां-बाप को उनका सम्मान पसंद है और मुझे रोहित का प्यार ही चाहिए ,युवती की शिकायत के बाद एसपी ऑफिस में माता-पिता के पहुंचने पर शेजल ने उन्हें अनदेखा कर दिया, उन्हे बुरा भला कहा और बेज्जत किया उसके बुजुर्ग माता-पिता बेटी का पैर पकड़ का रोते-गिड़गिड़ाते रहे लेकिन वो प्रेमी के साथ बैठी मुस्कुराती रही ,माता-पिता ने बेटी के सामने हाथ जोड़े, लेकिन बेटी ने ये कहते हुए अनसुना कर दिया कि मेरा इनसे अब कोई रिश्ता नही है अब मेरा परिवार सिर्फ़ रोहित है मृतक दंपति का बेटा भी घर से लापता है रिश्तेदारों ने कहा उसके दोनों फोन बंद हैं अशोक की जेब में मिले सुसाइड नोट में लिखा है
कि मेरी बेटी ने किसी लड़के से शादी कर ली है हमे इसके बारे मे पता भी नही था लेकिन प्रेमी के कहने से उसने हम पर झूठे आरोप लगाए कि मुझ गरीब और असहाय से उन आशिको को खतरा है पूरे समाज के सामने जलील किया अब बचा क्या है, बेटी के इस कदम से आहत गौरव घर छोड़कर चला गया है मेरा बेटा बहुत होनहार है उसे ईश्वर खूब तरक्की दें मेरे भाई-भाभी और साला-साली से आशा करता हूं कि वो मेरे प्यारे बेटे का ध्यान रखेंगे, हमारा आशीर्वाद सदैव उसके साथ रहेगा, पुलिस प्रशासन उसे परेशान नहीं करे ये सुसाइड नोट लिखकर दोनों ने ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर ली, लाश के चिथड़ो को पोटली मे भर कर मददगारों ने अंतिम संस्कार किया लेकिन दोनों बच्चों मे से वहाँ कोई मौजूद नही रहा, बेटा भी मां-बाप को अंतिम बार नहीं देख पाया ,दंपति अशोक शर्मा और मीना शर्मा ने ट्रेन आले आगे कूदकर अपनी जान दे दी,इनकी बेटी ने इनकी मर्ज़ी के खिलाफ जाकर लड़के से शादी ही नही की, उनकी परिवरिश का अपमान किया , माँ बाप उसका पैर पकड़ का रोते रहे, गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन बेटी ने इन्हें दुत्कार दिया, जिस बेटी को अपने हिस्से का भोजन खिलाकर ,मजदूरी कर पाला पोसा, पढ़ा लिखा कर बड़ा किया उसने कुछ महीनों की आशिकी मे आकर सारे समाज के सामने पहचानने से मना कर दिया, सदमे में पति-पत्नी ने आत्महत्या कर लिया, ऐसा नही कि ये पहली घटना है या आखिरी होगी लम्बे समय से एक माहौल तैयार किया गया कि हर बारलड़की के माता पिता ही गलत होते है, वालीबुड मे लगभग 3 दशक तक एक ही तरह की फ़िल्मे बनाई गई कि माँ बाप क्रूर होते है, स्कूल , कॉलेज, हॉस्टल के सामने खड़े होकर जो आवारा सीटी बजाता है छेड़छाड़ करता है रंगीन कपड़े पहनकर पीछा करता है वही असली हीरो है, लड़की के भाई , पिता को पीटना, गाली देना हिरोपंथी है , इस मुद्दे को इतना उठायागया की अंधे कानून ने आशिको की सुरक्षा के लिए नियमो की ढेरी लगा दी, जब दूसरे पक्ष की आवाज को सिर्फ़ इस लिए अनसुना किया जाता है कि आशिको की संख्या ज्यादा है और उनमे असुरक्षा का भाव नही आना चाहिए , जबकि हर लड़की का परिवार होता है एक घर की घटना दर्जनों परिवारों लड़कियों के जीवन पर असर डालती है ऐसी घटनाएं लंबे समय से होती है लेकिन उनकी आवाज को मीडिया मे स्थान नही मिल पाता है, रिश्तेदारों का कहना है कि कलयुगी बेटी ने पूरे परिवार को खत्म कर दिया
संपादक का अनुरोध यह लेख सामाजिक अव्यवस्था व उपेक्षा को उजागर करता है ऐसी घटनाएँ अपवाद मात्र है इनको माध्यम मानकर इस पर विस्तृत बहस कर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है इससे महिलाओ के खिलाफ विशेष विचार उत्पन्न करना सिर्फ़ दुर्भावना पूर्ण होगा