अयोध्या : जनपद मे गुरुवार 6 अप्रैल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मौजूदा सांसद सोनिया गांधी पर अभद्र व अनुचित टिप्पणी किए जाने पर एफआईआर दर्ज करने के सम्बंध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं और समर्थकों द्वारा कोतवाली नगर मे लिखित तहरीर देकर आरोपी तपस्वी छावनी से जुड़े परमहंसदास पर कार्यवाही की मांग की गई है शिकायत मे कहा गया है कि कांग्रेस के शरद शुक्ला (पूर्व प्रदेश महासचिव, भारतीय युवा कांग्रेस) को ट्विटर पर एक वीडियो प्राप्त हुई जिसमें तपस्वी छावनी से जुड़े परमहंसदास द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मौजूदा सांसद श्रीमती सोनिया गांधी जी पर अनुचित, अमर्यादित, अशोभनीय, अश्लील टिप्पणी की गई है, जिससे ना सिर्फ सोनिया गांधी जी बल्कि समस्त महिला जाति का अपमान व मानसिक क्षति हुई है
शिकायतकर्ता द्वारा बार-बार वीडियो देखे जाने के बाद यह ज्ञात हुआ कि परमहंसदास द्वारा जानबूझकर सोनिया गांधी जी व उनकी पुत्री प्रियंका गांधी जी (राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) एवं समस्त स्त्री जाति की लज्जा भंग उन्हें मानसिक प्रताड़ित करने के उद्देश्य से ऐसी टिप्पणी की गई और परमहंस दास द्वारा आए दिन समाज में वैमनस्यता फैलाने, धार्मिक उन्माद फैलाने के उद्देश्य से कोई ना कोई ऊल-जुलूल बयान दिया जाता रहा है, यह वीडियो ट्विटर के अतिरिक्त सोशल मीडिया के अन्य माध्यम जैसे कि व्हाट्सएप, फेसबुक पर प्रचारित होकर मुझ शिकायतकर्ता व अन्य पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं को मिली, कांग्रेस पार्टी व देश की सम्मानित नेता सोनिया गांधी जी पर इस तरह के भद्दे व अशोभनीय बयान से मुझ शिकायतकर्ता व पार्टी से जुड़े अन्य कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है जिसके कारण संदर्भ में परमहंस दास पर उचित कार्यवाही करते हुए मुकदमा पंजीकृत किये जाने की मांग की गई है, मामले पर कांग्रेस नेत्री व समाजसेविका कंचन दूबे (एडवोकेट) ने हमारे the Journalist व्युरो से बात करते हुए बताया कि हमारी नेता माननीया सोनिया जी सिर्फ कांग्रेस नेता ही नही है देश की सम्मानित महिला और लोकप्रिय हस्ती है महिलाओ पर इस प्रकार की अभद्र टिप्पणी भारतीय समाज मे क्षमायोग्य नही है साधु के भेष मे इस तरह की भाषा का प्रयोग संत समाज का भी अपमान है,जिसके खिलाफ हमने कोतवाली नगर थाने मे तहरीर दी है और परमहंसदास पर हमारे नेताओ, समर्थकों व कार्यकर्ताओं की तरफ से मुकदमा पंजीकृत करने की मांग की गई है