जज की जीभ काटने की धमकी देने वाले कांग्रेस नेता पर एफआईआर, राहुल गाँधी को सुनाई थी सजा

Thejournalist
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 तमिलनाडु: प्रदेश मे कांग्रेस के एक नेता द्वारा कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने पर राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाने वाले जज की जीभ काट देने की धमकी दी गई है कांग्रेस नेता के खिलाफ उनकी इस तालिबानी टिप्पणी को लेकर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है इसी वर्ष 23 मार्च को सूरत की एक कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक समाज विशेष को सार्वजनिक तौर पर अपमानित करने के कारण आपराधिक मान हानि के मामले मे दो वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी

जिस पर कांग्रेस के कई जातिगत संगठन मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा तमिलनाडु के डिंडीगुल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अयोग्यता के मामले मे विरोध- प्रदर्शन कर रहे थे इस प्रदर्शन में पार्टी के जिला प्रमुख मणिकंदन ने धमकी देते व कार्यकर्ताओं को उकसाते हुए कहा कि 23 मार्च को सूरत कोर्ट के जज ने हमारे कांग्रेस के लोकप्रिय व सर्वोच्च नेता राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी उसे सजा मिलेगी, कांग्रेस नेता मणिकंदन के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि सुनिए जस्टिस एच वर्मा, जब हमारी भर्ती कांग्रेस पार्टी सत्ता में आएगी, तो हम आपकी जीभ काट देंगे जज को धमकी देने के मामले में कांग्रेस पार्टी के नेता मणिकंदन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है और तमिलनाडु की डिंडीगुल पुलिस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है, पिछले माह मे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी जाति पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए न्यायालय मे दोषी ठहराया गया था उन्हें न्यायालय द्वारा दो वर्ष जेल की सजा सुनाई गई थी उनकी सजा के बाद राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है जिस मामले मे देश भर मे कांग्रेस नेता ,कार्यकर्ता व समर्थक विरोध कर रहे है , राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी एक चुनावी जन सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाने साधते हुए कहा था कि मोदी सरनेम वाले सभी लोग चोर होते हैं राहुल गांधी के इसी चुनावी भाषण को लेकर गुजरात में एक बीजेपी विधायक पुर्णेश मोदी ने उन पर आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया, वही मामला न्यायालय तक पहुंचा और सुबुतो के आधार पर 23 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के जज ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई ,लेकिन उन्हे तत्काल जमानत मिल गई लेकिन उनकी संसद सदस्यता को बर्खास्त करने का आदेश संसदीय कमेटी द्वारा जारी किया गया था 


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