फैक्ट चेक
भ्रामक है वायरल संदेश
एक मैसेज फास्ट से शोसल मीडिया फेसबुक और वाट्सएप पर वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि पापाराजी को धमकाने पर जुर्माना लगाया जा सकता है और 3 साल की जेल हो सकती है, आगे लिखा है उच्च न्यायालय ने सम्मान के लिए यह फैसला दिया और पत्रकार स्वतंत्र और फेयर होते हैं जबकि देश के किससे उच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया है कि उनका उल्लेख नहीं है, मैसेज मे ट्रेजेज को धमकी देने वालों पर 50 हजार का जुर्माना और 3 साल के प्रावधान का दावा किया गया है साथ ही कई उदाहरण देकर इस संदेश की सत्यता का प्रमाण देने का प्रयास किया गया है
पत्रकार को दिया संदेश दिया
हमारी टीम द्वारा वायरल मैसेज की जांच मे पाया गया कि देश के किसी भी हाईकोर्ट द्वारा ऐसा कोई भी आदेश नही दिया गया है देश मे महाराष्ट्र राज्य के अलावा किसी और राज्य मे अभी तक पूर्ण रूप से पत्रकार सुरक्षा कानून नही है हालाँकि शासन की तरफ़ समय- समय पत्रकारो की सुरक्षा के लिए सर्कुलर जारी किये जाते रहते है, पत्रकारों के संगठनो द्वारा भी हमेशा पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग होती रहती है, लेकिन किसी पूर्ण कानून पर मुहर नही लग सकी है, जबकि महाराष्ट्र मे पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बनाये कानून,पत्रकार सुरक्षा अधि0 2017 मे बनाया गया है
,वायरल मैसेज की जांच मे हमें पता चला कि यह sklivenews डॉट इन नाम के एक ब्लॉग पर 14 सितंबर 2022 को प्रकाशित किया गया था,मैसेज मे कई अलग अलग ख़बरों को जोड़ा गया है तथ्य भ्रामक और गुमराह करने वाले है