सरकारी भूमि बताकर जिले भर मे गरीबों, व्यापारियों के मकान व दुकानों पर चल रहे है प्रशासन के बुलडोज़र, पर खुलेआम नजूल की भूमि पर भू माफिया कर रहे है निर्माण

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 अयोध्या :मामला जनपद के बीचोबीच और कलेक्ट्रेट और अन्य अधिकारियों के कार्यालय से चन्द मिनट की दूरी पर स्थित मोदहा, सिविल लाइंस नैय्यर कालोनी का है जहाँ नजूल की सरकारी जमीन पर भू माफ़िया का 30 वर्षों से भी अधिक समय से कब्जा है और अधिकारियों की मिली भगत से जमीनों की खरीद फ़रोख़्त जारी है नैय्यर कालोनी की गाटा संख्या -4054 की जमीन पार्क व सड़क के लिए सुरक्षित है जिस पर आस पास के लोगों द्वारा अवैध कब्जा करके मकान बनवा लिया गया है। मकान बनवाकर किराये पर देकर अच्छी

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धन उगाही कर रहे हैं, जिस पर स्थानीय प्रशासन मूकदर्शी बना हुआ है इसके इतर जनपद भर मे आम लोगों के मकान व दुकानों पर प्रशासन के बुलडोजर गरज रहे है उन सम्पतियों को जिला प्रशासन द्वारा नजूल इत्यादि सरकारी या सार्वजनिक भूमि बताया जा रहा है नैय्यर कालोनी की भूमि के मामले मे पूर्व में कई शिकायतों के दौरान नजूल विभाग के अधिकारी द्वारा यह कहकर मामले को दबा दिया जाता है कि भूमाफिया उक्त प्रार्थी के शिकायत प्रार्थना-पत्र पर जवाब प्रस्तुत करें। उक्त नोटिस व कई जांच प्रपत्र प्रार्थी शिकायतकर्ता श्रीमान् जी के अवलोकनार्थ प्रस्तुत कर रहा है जिसमें नजूल विभाग द्वारा यह कहा गया है कि उक्त भूमि पर अवैध कब्जा है और जो पट्टा हुआ था वह भी समाप्त हो चुका है और नजूल विभाग से फ्री होल्ड भी नहीं कराया गया है ऐसी जमीनों को रा०विभाग द्वारा चिन्हित कराकर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कराया जाना भूमाफियाओं के खिलाफ आवश्यक हो गया है ,यहाँ यह उल्लेखनीय है कि प्रार्थी उक्त भूमि के सम्बन्ध में पूर्व में उक्त भूमि के सम्बन्ध में शिकायत की थी उस के पास गाटा सख्या -4054 से संबंधित जो भी सरकारी रिपोर्ट और दस्तावेज है उसके अनुसार उक्त भूमि पर राजा रफ़ीक हुसैन पर 15 सितंबर 1891 से 99 वर्षों के लिए 14 सितंबर 1990 तक आवासीय पट्टा प्राप्त हुआ था, जिसे पूर्व जिलाधिकारी श्री करुणा कृष्ण नायर ( जिनके नाम पर नैय्यर कालोनी का नामकरण किया गया है) की पत्नी शकुंतला नायर ने राजा रफ़ीक हुसैन के पुत्र बादशाह हुसैन से जरिये बैनामा प्राप्त किया, श्रीमती शकुंतला नायर से सैमुअल मैसी प्रसाद पुत्र चंद्रिका प्रसाद ने 6 दिसंबर 1988 व 6 सितम्बर 1988 को जरिये बैनामा उसी भूमि को लिया और भूमि का आवासीय पट्टा 14 सितंबर 1990 को समाप्त हो गया और भूमि नजूल मे सम्मिलित हो गई लेकिन सैमुअल मैसी प्रसाद द्वारा उस भूमि का बैनामा 28 जून 2006 को राम अचल सिंह पुत्र जगमोहन निवासी - सिविल लाइंस को बैनामा कर बेचने का प्रयास किया लेकिन राम अचल सिंह के नामांतरण वाद को इस निरस्त कर दिया गया कि सैमुअल मैसी प्रसाद के सभी अधिकार उक्त भूमि से समाप्त हो चुके है उन्हे उक्त भूमि को विक्रय करने का कोई अधिकार नही है इसलिए उनके द्वारा राम अचल सिंह को किया बैनामा शून्य प्रभाव रखता है जिसके कारण नामांतरण संभव नही है, फ़िर भी सैमुअल मैसी प्रसाद उक्त भूमि की विक्री करता रहा और उस समय उच्च न्यायालय मे भूमि पर स्टे लगवाने के लिए प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत किया अवध की दुनिया को अपनी बात रखते हुए बताया कि गाटा संख्या -4054 उनके घर के पास स्थित है वर्ष 2006 के बाद से उस पर भू माफ़िया और दबंगो का कब्जा है नजूल विभाग व नजूल नायाब तहसीलदार के आदेश के वावजूद भी भू माफियाओं के रसूख के कारण और अधिकारियों की मिली भगत होने से भूमि की आजतक पैमाइश नही कराई गई ना ही भूमि को माफियाओं के कब्जे से छुड़ाया गया जबकि भूमि के पश्चिम वाणिज्य कर भवन की 15000 स्क्वायर फीट भूमि जिसका नंबर भी गाटा संख्या -4054 है मंडलायुक्त व्यापार कर द्वारा फ़्री होल्ड कराया जा चुका है वह भी कालोनी के नक्शे के अनुसार ही है ,लेकिन भू माफ़िया आलोक सोनी व अमित सोनी पुत्र अशोक सोनी निवासी तारा जी ज्वेलर्स प्रभात सिनेमा के सामने चौक व अन्य ऐसे लोगो ने जिस जमीन पर अवैध कब्जा कर बाउंड्री व मकान निर्माण करा लिया है जो प्रभारी अधिकारी नजूल की रिपोर्ट मे भी है उसे खाली नहीं कराया जा सका है अवैध कब्जाधारियों ने नजूल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को सह मे लेकर भू पर निर्माण शुरू कर दिया है जो दिन रात चल रहा है जिस पर विकास प्राधिकरण की भी मूक सहमति बनी हुई है उक्त गाटा संख्या सिविल लाइन्स क्षेत्र मे होने के कारण बेशकीमती संपत्तियों मे शुमार है माफियाओं का ओपेन स्पेस सड़क तक निर्माण व कब्जा है संबधित विभागों मे शिकायत करने पर शिकायतकर्ताओं को जेल भेजने व उनके घर पर बुलडोजर चलाने की धमकी दी जाती है और शिकायत पर गोल मोल रिपोर्ट लगाकर निस्तारित कर दिया जाता है जिस बुलडोजर को हो रहे अवैध निर्माण पर चलना चाहिए उसे आम जनता को डराने का हथियार बना लिया है भ्रष्ट नौकरशाहों के अधीन जिला प्रशासन ने, मौजूदा जिलाधिकारी अयोध्या नितीश कुमार का कार्यकाल ऐसे मामलों मे काफी निष्क्रिय रहा है जबकि वह हमेशा अपनी छवि चमकाने की जदोजहद मे लगे रहे है अयोध्या धाम मे सरकार की परियोजनों को पूरा कराने के नाम पर जिस तरह से व्यापारियों, दुकानदारों व आम आदमी की मकान/दुकान की भूमि अधिगृहित की गई है उसके बाद जो अनिमितताएं सामने आई है वो विवाद थमने का नाम नही ले रहा है 


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