महामारी के दौर में सर्वाधिक थी अदालतों में वर्चुअल सुनवाई की आवश्यकता 2 हजार करोड़ से अधिक खर्च फ़िर भी नही हो सकी मुमकिन

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दिल्ली : जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा तैयार एक रिपोर्ट के अनुसार देश मे 2310 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं लेकिन अदालतों में वर्चुअल सुनवाई नही हो सकी है बैठक में शैलेस गांधी  ( पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त ) ने वर्चुअल सुनवाई को न्यायिक प्रणाली में स्थाई रूप से शामिल करने की मांग की गांधी ने कहा कि रिपोर्ट में पहले के सभी प्रयासों और सिफारिश एवं उनके मूल्यांकन का अभी अभाव है

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प्रतीकात्मक चित्र ~ Google.com


सुप्रीम में पहले से है E कमेटी

 सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में ही E कमेटी बनाई थी और सभी अदालतों में संचार तकनीक माध्यमों पर आधारित सिस्टम लागू करने के लाइट 2 हजार 300 करोड़ से ज़्यादा ख़र्च किया गया लेकिन कार्य अभी तक प्रभावी नही हो सका साफ्टवेयर और कंसल्टेंसी पर 309 करोड़ से अधिक और 2000 करोड़ रुपये से अधिक हार्डवेयर पर खर्च हुए हैं देश की प्रत्येक कोर्ट पर लगभग 10 लाख रुपये खर्च आया है यह पर्याप्त भी अधिक है किंतु महामारी ( कोविड~ 19 ) के दौर में भी जिस समय इसकी सर्वाधिक आवश्यकता है अदालतों में वर्चुअल सुनवाई प्रभावी नही है 


महामारी के दौर में थी वर्चुअल सुनवाई की अधिक आवश्यकता

कमेटी ने चिंता व्यक्त की है की है वर्चुअल सुनवाई के लिए अदालतें स्वयं रुचि नही ले रही जिससे महामारी के चलते  न्यायिक प्रक्रिया में विलंब हो रहा है 

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