गोरखपुर : 14 अप्रैल को जब देश मे प्रधानमंत्री सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री सांसद और विधायक जब डॉ भीमराव की जयंती मना रहे थे और उनकी मूर्तियों पर मालाएं चढ़ा रहे थे तो उन्होंने भी क्या सोचा होगा कि जिस वोटबैंक के लिए उन्हें ये सब दिखावा करना पड़ता है उस राजनीति की विरासत माने जाते वाले भारत में डॉ भीमराव का कोई विरोध भी कर सकता है
16 अप्रैल को ही शोषल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो गया जिसने प्रशासन सहित प्रदेश की दलित राजनीति को साधने वालों के दिलों में सिहरन पैदा कर दी वीडियो फेसबुक , सहित ,यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो रहा था
अम्बेडकर किसी आंदोलन में शामिल नही ,कई देश विरोधी कार्य
वीडियो में दिख रहे शख्स का आरोप था कि आरक्षण एक अभिशाप और मंडल कमीशन को लागू किये जाने के बाद प्रधानमंत्री VP singh के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी के देशबंधु कॉलेज के छात्रों द्वारा 19 सितम्बर 1990 को जो आत्मदाह किया गया था यह उन छात्रों को श्रद्धांजलि है
शख्स ने यह भी दावा किया कि डॉ भीमराव अंग्रेजो के दलाल व चाटुकार थे उन्होंने कभी भी आजादी की कोई लड़ाई नही लड़ी और जिस जमाने मे लोग धोती कुर्ता और टोपी पहनकर अंग्रेजो से बगावत कर रहे थे उस समय अम्बेडकर कोट और टाई पहनकर घूमते थे वो देश के असली संविधान निर्माता नही है क्योंकि उन्होंने संविधान के सिर्फ 72 आर्टिकल को बनाया था जबकि 243 आर्टिकल में से अधिकतर संविधान निर्माता V•N राव ने तैयार किये थे दुनिया के 179 देशों में कही भी जातिगत आरक्षण नही है जबकि में जातिगत आरक्षण डॉ भीमराव की देन है जब बैठक में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जातिगत आरक्षण का विरोध किया तो डॉ भीमराव बैठक छोड़कर चले गए उन्हें बाद में फिर बुलावा भेजा गया व्यक्ति के अनुसार भीमराव अम्बेडकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नही थे उनके समर्थकों के द्वारा भ्रांतियां फैलाई गई आज मै उन्हें सिर से पाव तक नंगा करूँगा उन्हें अपनी मातृभूमि से कोई प्रेम नही था अंग्रेजो ने कैमुअल अवॉर्ड को घोषणा की जिससे हिंदुओ को बाँटा जा सके महात्मा गांधी ने इसका विरोध किया और आमरण अनशन पर बैठे लेकिन अम्बेडकर ने उसका समर्थन किया डॉ अम्बेडकर ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध कर अंग्रेजो का साथ दिया और क्रांतिकारीयो का विरोध किया डॉ भीमराव ने साइमन कमीशन का समर्थन किया जिसके विरोध में लाला लाजपतराय लाठी खाते हुए शहीद हो गए थे
जातिगत आरक्षण को खत्म करने की शपथ
वीडियो में दिख रहे शक़्स ने दावा किया कि वह शपथ लेता है कि वह जातिगत आरक्षण को समाप्त करके ही दम लेगा और देश के आरक्षण विरोधियों को इकट्ठा कर एक राष्टवादी सरकार का निर्माण करेगा
डॉ भीमराव का चित्र जलाया
जो वीडियो सबसे अधिक वायरल हुआ है उसमें ये व्यक्ति यह कहता है कि मैं इस प्रतीकात्मक चित्र को खारिज करता हूं और यह कहकर डॉ भीमराव के चित्र को फाड़कर जला देता है वीडियो में व्यक्ति अपना नाम जय प्रकाश मिश्र पुत्र रामचंद्र मिश्र जिला गोरखपुर का निवासी बताता है साथ ही राष्ट्रवादी पार्टी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा भी करता है
भीमराव समर्थक भड़के
वीडियो वायरल होने के बाद देश भर से शोषल मीडिया पर डॉ अम्बेडकर के समर्थकों द्वारा प्रतिक्रिया आने लगी भीम सेना नाम के संगठन ने गोरखपुर जाकर आरोपी जय प्रकाश को घसीटकर लाने और अपने समर्थकों को गोरखपुर में इकट्ठा होने का आव्हान भी किया साथ ही मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश सहित प्रशासन पर आरोप भी लगाया कि आरोपी को उनके द्वारा संरक्षक दिया जा रहा है
आरोपी की हुई गिरफ्तारी
मामले को बढ़ता देख प्रशासन ने एक टीम गठित करते हुए जगह जगह छापेमारी शुरु कर दी और बस स्टैंड अकबरपुर तिराहा बड़हलगंज से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है
आरोपी एक राजनीतिक पार्टी राष्ट्रवादी पार्टी ऑफ इंडिया का राष्ट्रीय अध्यक्ष है और अभियोग
मु0अ0सं0 – 95/21 धारा धारा 505 (2), 153ए, 295 भादवि व 3(1)(V) Sc/St Act 1989(संशोधन 2015) थाना बड़हलगंज, जनपद गोरखपुर में पंजीकृत किया गया है