दलित उत्पीड़न के झूठे आरोपों से बरी हुए आरोपी, 18 साल बाद मिला फैसला, मायावती सरकार मे दर्ज हुआ था गंभीर आरोपों मे मुकदमा

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अयोध्या : मामला जनपद के इनायत नगर थाना क्षेत्र के बछौली, ढेमा से जुड़ा है घटना कथित दिनाँक 10 जनवरी 2007 की है ग्राम वासी मुरली व राम लौट पुत्रगण गुरूदीन ने स्थानीय पुलिस थाने और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिये अपने शिकायती पत्र मे बताया था कि विपक्षी राममिलन, शिवशंकर, रविशंकर का खेत और पीड़ित का मकान आपस मे लगे हुए हुए हैं विपक्षी जबरन उनके मकान पर कब्जा करना चाहते हैं 

जिसके लिए न्यायालय मे दीवानी का वाद विचाराधीन है नोटिस पर भड़के विपक्षी आये और जमीन कब्जा करने की नियत से आवासीय छप्पर जला दिया, जान से मारने की धमकी और साथ ही जाति सूचक अपशब्द कहे, पुलिस ने शिकायत के आधार पर अपराध संख्या : 307/2007 , धारा : 436,506 आईपीसी व 3(2) 4 एससी /एसटी एक्ट की गंभीर धाराओ मे अपराध पंजीकृत किया , लंबी चली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने गवाहो के बयानों मे मतभेद पाए और वादी अपने आरोपों को साबित करने के लिए वाजिब साक्ष्य पेश नही कर सका, दौरान विचारण मुदकमा बचाव पक्ष ने अपनी बहस मे न्यायालय को बताया कि यह प्रदर्शित हो रहा है कि सर्दी का समय था छप्पर मे आग जल रही थी, लापरवाही के कारण छप्पर मे आग लग गई और वह जल गया है पुराने विवाद का फ़ायदा उठाकर फर्जी तरीके से राम मिलन और उसके दोनों बेटों को मायावती सरकार मे आपराधिक मुकदमे मे फँसा दिया गया और सरकार से अनुदान ले लिया गया , 18 साल तक चले मुकदमे मे कई गवाहो ने भी अपने बयान दिये, दौरान विचारण मुकदमा मुख्य आरोपी राममिलन पुत्र राम नेवाज की मौत हो गई , 6 जून 2025 को विशेष न्यायाधीश एसटी/एसटी फैजाबाद ने आरोपियों शिव शंकर व रविशंकर पुत्रगण को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है दोषमुक्त होने पर शिव शंकर व रविशंकर ने न्यायालय और वरिष्ठ अधिवक्ता फौजदारी मथुरा प्रसाद पाण्डेय ( एडवोकेट), सरोज कुमार मिश्र ( एडवोकेट), विनय कुमार मिश्र ( एडवोकेट) 7007188781, अजय यादव ( एडवोकेट) बरामदा संख्या :28 सिविल कोर्ट परिसर जनपद: अयोध्या का आभार व्यक्त किया है

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