Indore : जिले मे नई नई लड़कियों और महिलाओ से चैटिंग करने के शौकीन लोग साइबर ठगो के निशाने पर आ रहे हैं अपराधी अश्लील चैटिंग कर उसका वीडियो या स्क्रीन शॉट लेकर उन्हें ब्लैकमेल कर उनके बैंक खाली करवा रहे हैं विगत वर्ष 158 लोगों ने 13 लाख रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी हालाँकि इनमें उनकी जानकारी शामिल नही है जिन्होंने शिकायत ही दर्ज नही कराई है अपराधी वाइस चेंजर APP से लड़कियों और औरतों की आवाज में बात करते हैं और मादक बातें कर उन्हें अश्लिल बातों के लिए उसकाते हैं ठगी के शिकार होने वालों में युवा छात्र, व्यापारी और कई कंपनीयों के कर्मचारी भी शामिल हैं एडिशनल डीसीपी अपराध राजेश दंडोतिया ने मीडिया को बताया कि पुलिस रिपोर्ट के अनुसार साइबर ठग , सोशल मीडिया पर टिंडर, बंबल, हैपन आइल, एडवेंचर सीकिंग, बद्दू, जूस्क, वन्स, हगल, द लीग, आक्यूपिड और लेस्ली जैसे डेटिंग-चैटिंग एप पर फ़र्जी प्रोफाइल बनाकर लड़कियों-महिलाओं की सुंदर फोटो लगाकर देते हैं और दोस्ती करने के लिए लोगों को मैसेज करते हैं
शौकीन लोग लड़कियों और महिलाओं की सुंदर फोटो देख कर आसानी से प्रोफाइल की तरफ़ आकर्षित हो जाते हैं और दोस्ती का प्रस्ताव ले लेते हैं या दीवानेपन मे खुद ही फ़र्जी प्रोफाइल को मैसेज करते रहते है वो समझ नही पाते हैं कि साइबर अपराधियों का गिरोह ही वाइस चेंजर एप के जरिए उनसे लड़की की आवाज में रसीली बातें कर रहा है और वह उनके चुंगल मे फंस रहे है कईं दिनों की ONLINE चैटिंग और फोन कॉल के बाद रसिया लोग साइबर ठगो पर विश्वास करने लगता हैं वह अपने घर-परिवार, दोस्त-रिश्तेदारों के साथ-साथ अपनी निजी जानकारी भी अपराधियों से साझा करने लगता है ठग भी लोगों को भरोसा दिलाता है और खुद को अच्छा मित्र बताने की कोशिश कर ज्यादा जानकारी हासिल करने की कोशिश करता है लोगों को लगता है कि उसको अच्छा online मित्र मिल गया है अचानक ठग उनसे नाराज होने का नाटक करते हैं नखरे दिखाते हैं वह किसी अन्य महिला या पुरुष से चैटिंग करने का आरोप लगा कर पुरुष से सोशल मीडिया अकाउंट का आईडी पासवर्ड ले लेता है इससे पुरुष को लगता है कि महिला मित्र या पुरुष मित्र उसकी चिंता कर रही है और वह भरोसे में आकर संपूर्ण जानकारी दे देता है ठग पहले मेडिकल इमरजेंसी बता कर रुपये मांगता है लंबे समय तक बातचीत करने पर वीडियो कॉल के जरिये अश्लिल मांग कर निर्वस्त्र कर उसका न्यूड वीडियो बना लेता है फिर ठग अपनी पहचान सार्वजनिक कर देते हैं और पुरुष या महिला के अकाउंट पर ही फोटो और वीडियो अपलोड करने दी धमकी देकर रुपये मांगते हैं कुछ गिरोह लोगों से उनके फोन मे स्पाई एप डाउनलोड करवाकर उनकी निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं या उन पर नज़र रखते हैं कई शिकायतों से मिली जानकारी के अनुसार 1 वर्ष मे 158 लोगों से लगभग 13 लाख रुपये से ठगी हुई है, हालांकि 37 प्रतिशत मामलों मे आरोपियों को गिरफ्तार कर ठगी गई रकम पुलिस लौटा चुकी है पुलिस ने लोगों से अलर्ट रहने और सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से बात करते समय सावधान रहने की सलाह दी है पुलिस अधिकारी ने बताया कि वीडियो बनाने के बाद कुछ अपराधी गिरोह पीड़ित के पास फर्जी क्राइम ब्रांच अफसर या CBI अधिकारी बनकर फोन लगाते हैं उस पर महिला के साथ वीडियो बनने और यौन शौषण का आरोप लगाया जाता है पीड़ित गिरफ्तारी और बदनामी के डर से रुपए देने के लिए तैयार हो जाता है अधिकतर लोग तो लाखों, करोड़ो रुपये गंवा कर भी बदनामी के डर से शिकायत नहीं करते हैं