सोनभद्र : मामला यूपी के सोनभद्र जिले में चोपन थाना क्षेत्र से जुड़ा है पुलिस ने आरोपी शोएब अख्तर पर आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत एफआईआर दर्ज किया था ,आरोपों के अनुसार, आरोपी शोएब अख्तर ने प्रिया की हत्या इसलिए कर दी क्योंकि उसने सहयोगी और अख्तर के मित्र एजाज अहमद से शादी करने के बाद इस्लाम धर्म अपनाने से इनकार कर दिया था और मुगलिया रीति रिवाज को नही मानना चाहती थी क्रूरतम हत्या के आरोपी और कौमी एजाज हिंदू पीड़िता को तब तक अपने घर नहीं लाना चाहता था जब तक कि वह इस्लाम मजहब नहीं अपना लेती और बुरखा जैसी रूढ़ियों को नही अपना लेती
पीड़िता अपने हिंदू धर्म को नहीं छोड़ना चाहती थी, इसलिए शौहर ने उसे ओबला इलाके में एक किराए के कमरे में रखा हुआ था और लगातार मजहब अपनाने के लिए दबाव बनाता था, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सिर्फ कौमी नफरत के लिए की गयी हिंदू लड़की की हत्या के आरोपी शोएब अख्तर को जमानत देने से इनकार कर दिया, आरोपी शोएब ने लड़की की हत्या इसलिए कर दी थी, क्योंकि 2020 में सह आरोपी एजाज अहमद से शादी के बाद कई कोशिशों के बाद भी इस्लामी मजहब अपनाने से इनकार कर दिया था ,न्यायालय ने इसे घृणित अपराध मानते हुए आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया है न्यायालय ने कहा जिस व्यक्ति ने मजहब के नाम पर किसी महिला को कत्ल कर डाला हो, तो ये आतंकी गतिविधि के सामान क्रूर और अमानवीय कृत्य है ऐसा व्यक्ति जो इंसान कहलाने के लायक नही है वह किस आधार पर जमानत मांग सकता है, क्या वकीलों को ऐसे मानवता विरोधी आरोपियों की पैरवी करनी चाहिए ? ये न्याय प्रक्रिया के लिए भी एक बड़ा सवाल है आरोपों के अनुसार युवती का शौहर एजाज लगातार पीड़िता पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बना रहा था ,जब हिंदू लड़की ने कौम अपनाने से इनकार कर दिया, तो गुस्साए एजाज ने अपने एक अन्य मजहबी दोस्त शोएब अख्तर को बुलाया दोनों मुस्लिम युवक मृतका प्रिया को पास के जंगल में ले गए और उसकी हत्या कर दी, हिंदू लड़की का कटा हुआ सिर वाला शव सड़क के पश्चिमी किनारे पर जंगल की ओर नाले में पड़ा पाया गया था पुलिस ने जांच मे मृतका की पहचान प्रिया नाम से हुई थी , हाई कोर्ट मे आरोपी शोएब अख्तर द्वारा अपने वकील सौरभ पांडे के माध्यम से दायर की गई दूसरी जमानत याचिका है इससे पहले उसने पिछले साल जनवरी में अपने वकील के माध्यम से जमानत के लिए आवेदन किया था, न्यायालय ने पहली याचिका को भी खारिज कर दिया था, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार युवती की मौत गर्दन काटने शरीर से धड़ अलग होने के कारण हुई थी ,मृतका युवती की बहन ने अपने बयान में न्यायालय से कहा कि प्रिया उसे बताती थी कि कैसे एजाज अहमद और उसका दोस्त शोएब अख्तर उस पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बना रहे थे, जबकि वह ऐसा करने के लिए तैयार नहीं थी अदालत ने अपने आदेश में भी ये बात कही है कि, सिर्फ इसलिए सह-आरोपी एजाज अहमद और शोएब अख्तर ने लड़की की हत्या कर दी क्योंकि मृतक मुस्लिम धर्म स्वीकार नहीं कर रही थी, दोनों आरोपियों को एक साथ पकड़ा गया और उनके खुलासे पर आपत्तिजन सामग्री बरामद की गई जो आरोपियों को इस हत्या से जोड़ते हैं उन्हें जमानत देने का कोई कारण नही दिखता है