Fact Check : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई वीडियो वायरल है जिसमें दावा किया जा रहा है कि अगर क्रेडिट कार्ड पर लिए पैसे वापस नही करेंगे तो बैंक आपका कुछ नही कर सकेंगे
क्या है क्रेडिट कार्ड सुविधा की सच्चाई?
भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे अच्छी खासियत यही है कि देश के सारे सिस्टम सिर्फ़ अमीरो के लिए है बैंक लोन भी सिर्फ़ अमीरों को ही देते हैं वो सुनिश्चित करते हैं कि आप लोन को वापस कर सकते हैं या नही अगर उन्हे संशय हुआ तो आपको लोन नही मिलेगा, अमीरो को सिर्फ़ नाम पर लोन दिए जाते जबकि कई कथित व्यापारी इनको चूना लगाकर देश छोड़कर भाग चुके है कुछ बैंक/ वित्तीय संस्थाए तो खुद दिवालिया होकर बंद हो गई , लेकिन कोई गरीब आज तक देश छोड़कर नही भागा, इसलिए क्रेडिट कार्ड की इस स्कीम के जरिये मध्यम वर्ग को सुनियोजित तरीके से जोड़ने का प्रयास किया गया क्योंकि देश मे इनकी संख्या ज्यादा है ये बचत नही कर पाते है गरीब तो क्रेडिट कार्ड ले ही नही सकता है क्योंकि ना उसे आवश्यकता है ना वह पैसे वापस कर सकेगा , क्रेडिट कार्ड एक छोटा लोन अमाउंट है जिसमें आप अपनी मर्जी से उपयोग नही कर सकते है वह बैंक की नियमावली पर निर्भर है कि किस प्रकार के लेन देन मे आपको कितना टैक्स ( कर) अदा करना है इसके अलावा इसके रख रखाव का का पैसा भी आपको चुकाना होता है इस स्कीम से बैंको के राजस्व मे 200% से 300% की वृद्धि हुई है, लोगों को फोन कर भी क्रेडिट कार्ड के लाभ बताये जाते हैं ये व्यापार इतना वृहद रूप ले रहा है कि कुछ लोग शौक के लिए ही रख लेते हैं जल्द ही वो दिन दूर नही जब आपको ठेले पर क्रेडिट देने वाले मिल सकते है, सरकारी/ गैर सरकारी बैंक लंबे समय से लोगों को क्रेडिट कार्ड देने का प्रलोभन देती है उसके लिए वह इसके भरपूर फायदे बताते है जैसे कि आपको कोई अतिरिक्त कागजात नही देने हैं सिर्फ़ फॉर्म साइन करना है, कोई व्याज या अतिरिक्त चार्ज नही है मुफ्त है, हम आपकी इतने लाख की लिमिट बना रहे है जैसे झांसे दिये जाते है ,जबकि वास्तविकता मे बैंक कर्मी / अधिकारी खुद अपने बैंको के क्रेडिट कार्ड का उपयोग नही करते हैं क्योंकि उस पर अनियंत्रित व्याज होता है वो क्रेडिट कार्ड देने के बाद ग्राहकों को ब्लैक मेल करते है कि अगर समय से पैसे वापस नही किये तो आपका सिविल स्कोर खराब हो जायेगा और आपको कोई बैंक लोन या आर्थिक सहायता नही देगा, इस जंजाल मे फँसने के बाद जल्दी निकल नही सकता है यह एक नशे की लत की तरह है लोग धीरे धीरे उस पर आश्रित हो जाते है उन्हें अन्य लोगों से सहयोग माँगने की अपेक्षा खुद का शोषण करवाना ज्यादा बेहतर प्रतीत होता है
वीडियो मे किये दावे की क्या है सच्चाई ?
हमारे व्युरो ने कई पूर्व/तत्कालीन बैंक अधिकारियों से इस विषय मे सवाल किये और पूरी प्रक्रिया को समझने का प्रयास किया, वास्तविकता यही है कि क्रेडिट कार्ड तो सिर्फ़ बहाना है सिर्फ़ फॉर्म पर साइन करने भर से आप बैंको / वित्तीय संस्थाओ के चुंगल मे फंस जाते हैं क्रेडिट कार्ड मे एक छोटा अमाउंट आपको दिया जाता है लेकिन आपके अन्य बचत/ व्यापारिक खातों पर बैंक की नज़र रहती है वह रिकवरी के नाम पर उस खातों की रकम पर रोक लगा सकती है इसके अलावा वह आपके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया का उपयोग कर सकती है, फोन कॉल या रिकवरी एजेंट भेजकर प्रताड़ित करना तो सामान्य घटना है भगोड़ों की घटनाएं होने के बाद सरकारें कानूनों को सख्त करने का प्रयास कर रही है आप बैंको से लेन देन कर भाग नही सकेंगे
क्या करें आम लोग ?
हमारे व्यूरो ने Advocate, cyber expert, journalist Vinay Mishra से बात की उन्होंने बताया कि लोगों को ऐसी स्कीमों के झांसो से बचना चाहिए, यदि आवश्यक हो तो ही क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं ले, पूरी प्रक्रिया को समझें ,नौसिखिया या जरूरत से अधिक सुविधाओं का झांसा देने वालों से सतर्क रहें, बैंक कर्मी / अधिकारी अपने टार्गेट पूरा करने के लिए भी आपको जबरन क्रेडिट कार्ड देने का प्रयास करते रहेंगे, किसी फॉर्म पर हस्ताक्षर बनाने से पहले उससे अच्छे से पढ़े और भरे ,हस्ताक्षर के बाद उसकी फोटो या फोटोकॉपी ( छाया प्रति) जरूर करवा लें, फॉर्म मे अधिकतर लोग पूरी जानकारी नही भरते हैं किसी विवाद की स्थिति मे बैंक उसे अपने अनुसार भरकर कानूनी हथियार के रूप मे उपयोग करते हैं क्योकि साइन आपकी होने से आप यह नही बोल सकते है कि आपने फॉर्म भरा नही या पढ़ा नही था, अगर बैंक कर्मियों द्वारा लगातार आपका मानसिक उत्पीड़न या ऐसा कोई कृत्य किया जाए जिससे आपका सम्मान आहत हो तो उन पर आपराधिक वाद प्रस्तुत किया जा सकता है,मौजूदा दौर मे लोग सम्मानित जीवन जीना चाहते हैं अगर आप क्रेडिट कार्ड का बिल समय से नही चुका पा रहे है तो अपने शाखा प्रबंधक से अपनी समस्या साझा करें, आपने जबरन संस्था से सेवा प्राप्त नही की है इसमें दोनों पक्षों की सहमति थी
( लेखक विश्लेषक व पत्रकार है अयोध्या मे रहते है )