अयोध्या : मामला जनपद के बार एसोसिएशन से जुड़ा है जहाँ संघ के प्रस्ताव का विरोध करना स्वघोषित अराजक सदस्यों को भारी पड़ गया, उनको 6 माह के लिए बार एसोसिएशन की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है मामले मे कुल 6 अधिवक्ताओं सदस्यों पर कार्यवाही की गई है
अधिवक्ता संघ फैजाबाद अयोध्या के कार्यकाल को लेकर अधिवक्ताओं में आपसी तकरार बढ़ती जा रही है पहले एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन शैलेश पांडे को अपने पद से हाथ धोना पडा और अब संघ के मंत्री विपिन कुमार मिश्रा और सदस्य योगेश पांडे के साथ दुर्व्यवहार और संघ के निर्णय का अनुपालन न करने पर 6 माह का निष्कासन और ₹5000 अर्थ दंड से राजेश कुमार उपाध्याय और वीरेंद्र कुमार यादव को दंडित किया गया है अधिवक्ताओं का कहना है कि जो सदस्य बार एसोसिएशन के चुने पदाधिकारियों के साथ वादकारियो और आम जन के साथ अभद्रता कर सकता है ऐसे लोग ही आम जन को प्रताड़ित कर अधिवक्ताओं की छवि धूमिल करते है, कुछ माह पूर्व एक अन्य अधिवक्ता जो कि ख़ुद को बड़ा प्रॉपर्टी डीलर बताते है वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अनुसार उनके उपर कई आपराधिक वाद लंबित हैं उन्होंने अपने साथी प्रॉपर्टी डीलर की पिटाई कर उसे पूरे कलेक्टेट् परिसर मे घुमाया था जिस पर पूर्व अध्यक्ष कालिका मिश्र द्वारा कार्यवाही की गई थी, आज सामान्य सदन की बैठक में हंगामा करने के साथ संघ के वरिष्ठ अधिवक्ता सदस्य वाई वी मिश्र के साथ दुर्व्यवहार करने के शिकायती पत्र पर संघ के पूर्व अध्यक्ष संजीव दूबे सदस्य सौरभ मिश्रा सुरेंद्र सिंह संजय सिंह के खिलाफ भी छ माह का निष्कासन और पांच हजार का जुर्माना लगाने के साथ बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश को भी संदर्भित किया गया है इसकी पुष्टि संघ अध्यक्ष पारस नाथ पांडे एवं मंत्री विपिन कुमार मिश्र ने किया है। सामान्य सदन की बैठक जोरदार हंगामा की भेंट चढ़ गई ,पूर्व अध्यक्ष पंडित कालिका प्रसाद मिश्रा बैठक छोड़कर चले गए, उनके समर्थक सदस्यों ने बैठक में हंगामा शुरू कर दिया और सदन पर दबाव बनाने का प्रयास करने लगे क्योकि उनके समर्थक 2 माह मे चुनाव कराने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है जबकि उन्हें बार कौंसिल की फटकार भी लग चुकी है फ़िर उनके समर्थक कोई भी समाज विरोधी कृत्य कर सकते हैं जिसका अंदेशा मौजूदा पदाधिकारी व कौंसिल जता चुकी है लेकिन अपना कार्य काल पूरा होना के बाद भी बार एसोसिएशन के चुनाव उन्होंने कई माह तक नही होने दिये, उनके कुर्सी मोह से भारी रोष था जो मौजूदा चुनाव मे दिखा, जिसके जबाब मे सदन में उपस्थित सदस्यों ने भारी विरोध करके दिया जिसके चलते पूर्व अध्यक्ष के समर्थको पर वर्तमान अध्यक्ष के समर्थक भारी पड़ गए और बैठक में दोषी अधिवक्ताओं के दंडित होने का प्रस्ताव पास हो गया है, सार्वजनिक नोटिस बार एसोसिएशन के बोर्ड पर चस्पा की गई है जिसे सभी देख रहे हैं