अयोध्या : जनपद के वरिष्ठ अधिवक्ता व सदस्य पद प्रत्याशी बार कौंसिल उत्तर प्रदेश कुलदीप उपाध्याय ने अधिवक्ताओं के मुद्दों पर बात करते हुए बताया कि दलालों द्वारा अधिवक्ताओं की छवि खराब करने के लिए लंबे समय से आसमाजिक कार्य किये जाते रहे है वादकारियो के अहित और भ्रष्टाचार मे इनका भरपूर सहयोग रहता है दलालों की सांठगांठ सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों से होती है जिनके बदले व अनैतिक करवाने का दावा करते हैं
साथ ही वादकारियो को अधिवक्ताओं के खिलाफ भड़काते है कभी कभी इनके द्वारा कर्मचारियों से मिली भगत कर साक्ष्यों और गवाहो को क्षति भी पहुँचाई जाती है जो न्यायिक अवधारणा के विरुद्ध कार्य हैं शासन व प्रशासन को इनके कुकृत्यो के बारे मे जानकारी रहती है लेकिन कभी इसे रोकने के लिए पुख्ता कदम नही उठाये गए क्योकि दलालों की पहुँच शासन के बड़े ओहदो तक होती है मैं लंबे समय से इन मुद्दों पर आवाज उठाने का प्रयास करता रहा हूँ कि उच्च न्यायालय ( हाईकोर्ट) की तरह अधिवक्ताओं के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति या दलाल को रोकने की व्यवस्था होनी चाहिए, न्यायालयों मे कार्य करने की जिम्मेदारी अधिवक्ता बंधुओ की है तो बेवजह की भीड़ की वहाँ क्या आवश्यकता है ? कोर्ट परिसर कोई पार्क नही है और यह सुरक्षा की दृष्टि से भी अति आवश्यक है इन मुद्दों पर बड़ी संख्या मे अधिवक्ता बंधुओ का समर्थन मुझे मिल रहा है और जब तक हमारी माँगो पर ध्यान नही दिया जायेगा इस क्रांति की मशाल लेकर अधिवक्ता हितों के मुद्दों को उठाता रहूँगा