ब्रह्मचरित्र उत्थान सेवा समिति ने आयोजित कराई बैठक, बार एसोसिएशन अयोध्या के पदाधिकारियों व वरिष्ठ अधिवक्ताओं का किया गया सम्मान

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 अयोध्या : जनपद के कलेक्ट्रेट परिसर के निकट स्थित मंगलम् गेस्ट हाउस मे सामाजिक कार्यो की सहयोगी संस्था ब्रह्मचरित्र उत्थान सेवा समिति द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, बैठक का आयोजन वरिष्ठ अधिवक्ता रामशंकर तिवारी, वीरेंद्र कुमार शर्मा व कुलदीप उपाध्याय द्वारा कराया गया जिसमे बार एसोसियेशन अध्यक्ष पारसनाथ पाण्डेय, मंत्री विपिन कुमार मिश्र व सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारी व सदस्यगण सहित लगभग 250 से अधिक अधिवक्ता बंधु मौजूद रहे, बैठक  मे मौजूद विप्र बंधुओ से संयोजक मंडल द्वारा सेवा समिति के कार्यो, नियमावली, नीतियों और उद्देश्यों के बारे मे सुझाव मांगे गए थे, जिस पर बैठक मे मौजूद सदस्यों द्वारा गहन चर्चा कर सर्वसम्मति से संरक्षक मंडल का चयन कर दिया गया है और जल्द ही सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन अधिनियम के अनुसार सस्था का पंजीकरण कराने का फैसला किया गया है






वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार शर्मा ने हमारे व्यूरो से बात करते हुए बताया कि ब्रह्मचरित्र उत्थान सेवा समिति पूरे प्रदेश मे जनसामान्य को सहयोग व जागरूक करने के बनाया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य जनसाधारण का सामाजिक, मानसिक, नैतिक, चारित्रिक, बौद्धिक, शारीरिक एवं आध्यात्मिक विकास करना, बालक/बालिकाओं के शैक्षिक विकास हेतु स्कूल, विद्यालय, कालेज, एवं महाविद्यालयो की स्थापना करना जिनमें प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च स्तर तक शिक्षा निःशुल्क व्यवस्था करना , ज्ञान वर्धन हितार्थ पुस्तकालय एवं वाचनालय की निशुल्क व्यवस्था करना, तथा हिन्दी, अंग्रेजी, एवं संस्कृत भाषा तथा भारतीय संस्कृति एवं कला का प्रचार-प्रसार तथा हिन्दी/अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दिलाने की नि शुल्क व्यवस्था करना , गरीब एवं असहाय बच्चों, महिलाओ को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, व्यूटीशियन, फैशन डिजाइनिंग एवं शिल्पकला, काष्ठकला, दरी-कालीन, टंकण, आशुलिपिक, कम्प्यूटर एवं ग्रामोद्योगिक प्रशिक्षण दिलाने की नि शुल्क व्यवस्था करना , समाज के मूक बधिरों, विकलांगों, नेत्रहीनों, विधवाओं, वृद्धो, मजदूरों, कारीगरों, तथा निराश्रितों बेरोजगारों के कल्याण एवं उत्थान हेतु कार्य करना तथा वृद्धा आश्रम, विधवा आश्रम की स्थापना कर उनका निःशुल्क संचालन करना। बालक/बालिकाओं को आत्मरक्षार्थ खेल सम्बन्धी जानकारी दिलाना तथा तत्सम्बन्धी निःशुल्क प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था करना एव बालक/बालिकाओं को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं हेतु शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ एवं मजबूत करना जिससे देश का नाम गौरान्वित हो सकें ,वार्षिक प्रगति स्मारिका का प्रकाशन। मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान ,समाचार पत्रों में प्रगति आख्या/बैठक का प्रकाशन और उन कुतरनों को स्मारिका में प्रकाशित करना ,युवक युवतियों को स्वावलम्बी बनाने के लिए ग्राम स्तर पर लघु कुटी उद्योग तथा उत्पादन केन्द्रों की स्थापना करना तथा बेरोजगार नवयुवकों को रोजगार हेतु प्रशिक्षित करना एवं उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान कराने हेतु प्रयास करना, भारतीय भाषा साहित्य, प्राचीन सांस्कृतिक, लोक परम्पराओं, रिवाजो को नेतृत्व कलाओं, शिल्पकलाओं एवं भौतिक प्रयासों का क्रियान्वयन करना, उक्त कलाओं का संरक्षण संचालन केन्द्रों की स्थापना एवं प्रबन्धन करना तथा प्रकृतिक सम्पदा संरक्षण हेतु हर सम्भव प्रयास करना तथा पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देते हुए पर्यावरण जागरूकता के कार्यक्रमों का संचालन करना जैसे मुद्दों पर अपने विप्र बंधुओ के सहयोग से व्यापक रूप से जन कल्याण के लिए कार्य किया जायेगा 


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