वायरल मैसेज की सच्चाई
मामला देश की सुरक्षा और साइबर अपराध के बढ़ते आकड़ो से जुड़ा है सोशल मीडिया fecebook, watasapp, x. Com ( twitter) मे एक वायरल मैसेज मे दावे किये जा रहे है सरकार साइबर क्राइम पर बड़े पैमाने पर कार्यवाही की तैयारी मे है
हमारी टीम ने जब मैसेज की पड़ताल की तब हमें पता चला कि
globalgovernancenews.com नाम की वेबसाइट ने सबसे पहले इसे प्रकाशित किया है 19 अगस्त 2023 को वेबसाइट पर प्रकाशित कर दावा किया है कि
सरकार ने 52 लाख ऐसे फोन नंबरों को बंद किया है जिन्होंने जाली कागज के आधार पपर ये नंबर लिए थे और इस तरह के काम लम्बे समय से कर रहे थे दावे मे आगे कहा गया कि 67,000 ऐसे डीलर प्रतिबंधित किए गए हैं जिन्होंने ऐसे फर्जी सिम कार्ड बाँटे या आवंटित किये साथ ही 300 प्राथमिकियाँ (एफआईआर) भी दर्ज की गई हैं और 66,000 की संख्या मे व्हाट्सएप्प अकाउंट भी ब्लॉक किए गए हैं
सारे दावों मे कहा गया कि पूरे मामले में संभवतः जामतारा और मेवात के सायबर फ्रॉड वाले लोग भी होंगे, राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से यह कार्रवाई महत्वपूर्ण है और साइबर ठगी और अपराधों को बढ़ावा देने वाले सभी गिरोहों के लिए ये बड़ा झटका है मैसेज मे आगे बताया गया कि 52 लाख नंबर! आप सोचिए कि किस स्तर का फ्रॉड चल रहा होगा। पुलिस का ऐसे लोगों तक पहुँचना दुष्कर होता होगा क्योंकि ऐसे लोग केवल एक फोन नहीं, बल्कि कई फोन और कई नंबर प्रयोग करते हैं
इन लोगों तक पहुँचने में सरकार को काफी समय
लगा होगा क्योंकि जब गाँव-कस्बे का स्थानीय दुकानदार इस स्तर का फ्रॉड करता है और उससे लिए गए सिम अलग-अलग जगहों पर प्रयुक्त होते हैं, तो ट्रेस करना कठिन होता है
जबकि इस ख़बर मे किया दावा किस आधार किया गया इसका कोई लिंक या किसी सरकारी संस्था द्वारा जारी आकड़ा कही नही दिया गया है, मैसेज मे आगे यह भी बताया गया कि
भारत सरकार का यह काम काफी सराहनीय है
यही काम अब सोशल मीडिया पर भी करना चाहिए कि आप बिना मोबाइल नंबर के कोई भी सोशल मीडिया अकाउंट नहीं बना सकते, अगर ईमेल आईडी से बनाते हैं तो ईमेल आईडी मोबाइल के साथ रजिस्टर्ड होना चाहिए क्योंकि ज्यादातर लोग फर्जी ईमेल आईडी बिना नंबर के बना करके और गाली-गलौज करते हैं, एक दूसरे के धर्म को अपमानित करते हैं अगर ऐसा कर दिया जाए तो जैसे ही कोई गलत कार्य करेगा तुरंत गिरफ्तारी होगी
हमारी टीम की पड़ताल मे किसी केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा ऐसा कोई भी आकड़ा नही मिला है जिससे वायरल मैसेज के दावे की पुष्टि हो सके , हमारी जाँच मे वायरल मैसेज भ्रामक प्रतीत होता है