बिहार : बाहुबली पप्पू यादव का जन्म मधेपुरा जिले में वर्ष 1967 में हुआ था, 1990 में पहली बार निर्दलीय विधायक चुनकर आये बिहार की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस नेता
का भय सीमांचल में इस कदर था कि लोग उनका नाम लेने से भी डरते थे, हत्या, किडनैपिंग, मारपीट, बूथ कैपचरिंग, आर्म्स एक्ट जैसे कई मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हुए लेकिन मामला तब बढ़ा जब पप्पू यादव को MCP के विधायक अजीत सरकार की हत्या के मामले में 17 साल जेल में रहना पड़ा था
अजित सरकार के उदय से पूरे पूर्णिया जिले के कुछ पूंजीवादी और सामंती लोग परेशान थे उनके व्यापार मे नुकसान हो रहा था, 14 जून 1998 की शाम को पूर्णिया शहर के अंदर घूम रहे थे, कहा जाता हैं तभी पप्पू यादव के गुर्गो ने ने उन्हें घेर लिया और उन पर लगातार ताबड़तोड़ गोलियाँ चलानी शुरू कर दी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि अजित सरकार को 107 गोलियां मारी गई थी ,इस क्रूर और नृशंस हत्याकांड के बाद अजित सरकार का पूरा परिवार व रिश्तेदार दहशत मे जीने के रहने को मजबूर हो गए, और उनका बेटा अमित सरकार जान का खतरा बताते हुए आस्ट्रिया में रहने लगा ,एक दूसरी घटना पूर्णिया जिले के भांगड़ा क्षेत्र में हुई थी, यहां भी कई लोग मारे गए थे, हालांकि इसे उस वक्त की वर्चस्व की लड़ाई बताया जाता है , पप्पू यादव अपने यादव साम्राज्य को एकजुट करने के लिए वोट की राजनीति का मैदान बना रहे थे तो आनंद मोहन सामान्य जाति के नेता के रूप में उभर थे
उनके समाज के कुछ जातिवादी या कहिए एजेंडाबाज जो लोग इस कुख्यात अपराधी नेता को उसके काले करतूतों और खून से रंगे इतिहास को छिपाने की कोशिश मे उसको सामजसेवी व देश भक्त बिहारी बताने में रात-दिन लगे रहते हैं, जिसने गंदी राजनीति व आपराधिक मानसिकता के कारण दर्जनों माओं से उनके बेटे छीने , महिलाओ के पतियों व भाईयो की हत्या करवाई , अपहरण जैसे घिनौनी हरकत से पैसे बनाये उसका बचाव वह कर भी नही पायेंगे क्योंकि आतंक के हर पर्याय का पतन निश्चित है 1990 दशक मे उन खौफनाक दिनों को लोग नही भूल सके हैं, जब कोशी-पूर्णिया मंडल में पप्पू यादव की गुंडागर्दी की तूती बोलती थी लोग उसके नाम से खौफ़ खाते थे अपराध चरम पर था और बिहार की महिलाओ की इज्जत, किसानों के घर,खेत-खलिहान और फ़सलें तक लूट ली जाती थी, बसों-ट्रेनों से निर्दोषों को खींच कर "कौन जात हौ रे तै" पूछकर उनको पीटा गया, पुजारियों,पुरोहितों व तिलक लगाने वालों के टीके थूक से मिटाए गए जनेऊ तोड़कर फेकी गई, लोगों पर जातिगत अत्याचार हुआ, इसके इतर पप्पू यादव जेट एयरवेज की फ्लाइट से पटना से दिल्ली आ रहा था, इसी दौरान महिला एयरहोस्टेस ने उन्हें फ्लाइट मे बरती जाने वाले कुछ जरूरी सुरक्षा नियमों को पालन करने के लिए कहा, इस पर भड़के पप्पू यादव ने उन्हें चप्पल से पीटने की धमकी के साथ भरपूर गालियां दी और जमकर अपनी दबंगई दिखाई, बहुत सी ऐसी घटनाएं हैं जो आपको अखबार में या किसी न्यूज़ पेपर में नहीं मिलेगी लेकिन इस कुख्यात अपराधी के काले कारनामे बिहार की जनता को हमेशा याद रहेंगे वह भले ही ख़ुद को समाजसेवी बताये या बिहार मे अशिक्षा, बेरोजगारी और अपराध को मुक्त करने का झांसा देकर लोगों ठगने का प्रयास करे लेकिन बिहार सब जानता है कि कई वर्षों तक यही व्यक्ति जेल मे रहा है और हर बार इसके अपराध साबित हुए है लालू के जंगल राज मे शहाबुद्दीन से कम रुतबा पप्पू यादव का नही थी इसके दहशत की मिशाले दी जाती थी, लेकिन मौजूदा दौर मे ऐसे अपराधी अगर अपनी पहचान बदलने की कोशिश करे तो समझिये राजनीति बदल रही है और बिहार भी, वैसे नेता तो वह दशकों से है