अयोध्या : मामला जनपद के जिला महिला चिकित्सालय से जुड़ा है जहाँ अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से एक महिला की मृत्यु हो गयी, जिससे मात्र एक वर्ष पहले विवाहित मृतका की कुछ माह की दुधमुही संतान बेसहारा हो गई और दोनों पक्ष के लोगों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है पीड़ित अखिलेश पुत्र आलोक मिश्र निवासी रामपुर थाना कलवारी जिला बस्ती दिनांक 16-7-23 को अयोध्या दर्शन के आई उन की पत्नी निशा की तबियत अचानक खराब हो गई तो निशा को श्री राम चिकित्सालय अयोध्या में दोपहर को भर्ती करा दिया , जहाँ आराम न होने पर श्री राम अस्पताल के डाक्टर द्वारा जिला महिला चिकित्सालय अयोध्या को रिफर कर दिया ,पीड़ित ने अपनी पत्नी को दिनाँक 16-7-2023 लगभग एक बजे महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया, किन्तु उस अस्पताल में कोई डाक्टर मौजूद नहीं था , वहाँ मौजूद स्टाफ नर्स द्वारा
स्वय अपने अनुसार दवा इलाज कर डॉक्टर का काम किया गया जानकारी करने पर पीड़ित को बताया गया कि सुबह की ड्यूटी के डॉक्टर दो बजे तक नही आई हैं अब ड्यूटी बदलने का समय हो गया है अब दूसरे डॉक्टर आयेंगे , किन्तु स्टाफ और नर्स के बार बार फोन करने के घंटों बाद कोई डॉक्टर ड्यूटी पर नही आया, जानकारी करने पर पता कि उस समय
डॉ परवीन परवेज व आशाराम की ड्यूटी थी, इसी बीच पीड़ित की पत्नी की हालत लगातार बदलती रही, पत्नी को बचाने के लिए पीड़ित ने उसे रिफर करने को कहा जिस पर उसे बताया गया कि डॉक्टर ही मरीज को रिफर कर सकते है डॉक्टर आयेंगे तभी मरीज को रिफर करेंगे, पीड़ित लगातार अस्पताल कर्मियों के सामने रोता बिलखता रहा लेकिन उसकी कोई सुनवाई नही हुई, रात 10 बजे मृतका की हालत अचानक अधिक खराब हो गई उस समय तक भी कोई डॉक्टर वहाँ मौजूद नही आया था , मजबूर होकर पीड़ित गंभीर अवस्था मे अपनी पत्नी को अस्पताल कर्मियों के विरोध के वावजूद राजर्षि मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर ले गया, जहाँ डॉक्टरों द्वारा उसका ई .सी .जी चेकअप किया गया और कुछ देर मे पीड़ित की पत्नी को मृत घोषित कर दिया, सरकार के लाख दावों के वावजूद आपको अस्पतालों मे ऐसे कर्मचारीयों और डॉक्टरों की भरभार मिलेगी, जो अधिकतर नदारद मिलेंगे और आपको बताया जायेगा कि डाकधर साहेब राउंड पर है जिसका मतलब होता भर्ती मरीजो की निगरानी और दूसरा बहाना है साहब मीटिंग मे है बड़े साहब बुलाये है तीसरा बहाना है सरकारी काम है मेडिकल कर रहे है सरकार ड्यूटी टाइम मे इनको मीटिंग , मेडिकल और राउंड करने के ही तो पैसे देती है जबकि ये सरासर झूठ है सब डॉक्टरों की ड्यूटी अलग अलग ही निर्धारित होती है जबकि जिला पुरुष चिकित्सालय मे चर्म रोग का एक डॉक्टर आपको हमेशा राउंड पर मिलेगा, एक चर्म रोग का डॉक्टर आम मरीजो का इलाज कैसे कैसे करेगा, बस वो खाना पूर्ति करेगा मरीजो व उनके परिवार को क्या पता कि ये किस विषय का डॉक्टर है अगर आप इनकी गलती पकड़ भी लेंगे तो ये आपको सरकारी कर्मचारी से अभद्रता के लिए जेल भेजने की धमकी देंगे, ये जिले के सबसे अमीर और रसूख वाले लोग है बड़े बड़े अधिकारियों को ये सेवा प्रदान करते है जो आम आदमी पर धौंस जमाने के लिए ही पाले जाते हैं अगर आप किसी तरह इनकी शिकायत की भी हिम्मत जुटा लेंगे तो इनका पूरा सिस्टम इनको बचायेगा और आम आदमी के खिलाफ लाख षड्यंत्र करेगा और अंधा कानून इनकी ढाल बन जायेगा क्योकि सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के लिए उनके उच्च अधिकारियों के अनुमति का दोगला कानून इस देश मे मौजूद है आम आदमी दहाड़े मार मारकर रोयेंगा, न्याय की उम्मीद मे इधर उधर भटकेगा और इस हत्यारी व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करेगा होगा क्या एक दिन उसी उम्मीद के साथ वो भी मर जायेगा