अयोध्या :दहशत फैलाने के लिए पुलिस माफ़िया का एक नया कारनामा, सिस्टम का मोतियाबिंद
मामला जनपद के थाना कोतवाली बीकापुर क्षेत्र से जुड़ा है जहाँ जमीनी विवाद मे चौकी इंचार्ज के एक महिला के प्रभाव मे होने और साठगांठ के खिलाफ ख़बर छापने से भड़के दारोगा मोती गंज पर अपहरण कर पैसे लूटने, बंधक बनाकर पिटाई करने और फ़र्जी मुकदमें मे फ़साने के गंभीर आरोप लगे हैं आरोप यह भी है कि पूरा पुलिस महकमा आरोपी पुलिसकर्मी को बचाने मे लगा है क्योकि पीड़ित ने एसएसपी और डीएम को प्रार्थना पत्र भी दिया था जिस पर लीपापोती कर दी गई दिल्ली से प्रकाशित तोमर राज समाचार पत्र के अनुसार तोमर राज अखबार के पत्रकार धर्मेंद्र तिवारी दिनांक 29/04/2023 को सुबाह करीब 10:33 चौंकी इंचार्ज अश्विनी कुमार सिंह द्वारा फोन करके चौंकी मोतीगंज में बुलाया जाता है और धर्मेंद्र कुमार तोमर राज ब्यूरो अयोध्या मोतीगंज चौंकी पर पहुंचते हैं और चौंकी इंचार्ज अश्विनी कुमार सिंह बैठाते हैं और अयोध्या ब्यूरो की मोबाइल और पत्रकार धर्मेंद्र कुमार के पास पड़ी पर्स जिसमें उनके पिता भावनी बेल्डिंग ट्रेडर्स के नाम से रामगंज में चलाते है और तकरीबन 25000 के आस पास पैसे भी थे जो जमा करा लिये है
और धर्मेंद्र कुमार की आई कार्ड और माइक तोमर राज का अपने पास रख लिया फिर विपक्षी महिला बिन्दु लता को बुलाते हैं और बिंदु लता चौंकी पर आते ही चौंकी इंचार्ज अश्विनी कुमार सिंह एक षड्यंत्र रचा पत्र गाड़ी चोरी का आरोप पत्र दिखाते हैं और जिसे गाड़ी को कुटरचित ढंग से बिंदुलता द्वारा अपने पति अनिल कुमार उपाध्याय के नाम कर लिया है और जिसका वाद न्यायालय अयोध्या में विचाराधीन है उसी आरोप पत्र पर धर्मेंद्र तिवारी को चौंकी इंचार्ज अश्विनी कुमार सिंह बुलायें थे जब साबित नहीं कर सके तो जाति सूचक शब्द और भद्दी भद्दी गालियां देते हुए बोले मेरे खिलाफ खबर चलाऐगा और खबर को ट्वीट करेगा तो बचेगा नही, जिसके बाद बिंदुलता से धर्मेंद्र कुमार को पिटवाने लगे और सिपाही प्रदूम यादव द्वारा चौंकी पर बिंदुलता से पिटाई करवाते वीडियो भी बनवाया फिर चौंकी इंचार्ज अश्विनी कुमार सिंह द्वारा पत्रकार को मारा गया और चौंकी इंचार्ज अश्विनी कुमार द्वारा अपने सिपाहियों से पकड़वा कर कमरे में ले जाकर डन्डे से पिटाई कर वाई गई कुछ समय बाद अपनी इस्कर्पियो में बैठा कर सिपाहियों द्वारा चप्पलों से मरवाते हुए थाना बीकापुर लाया गया और थाने महिला का फ़र्जी मेडिकल कराकर 354 और 354ख 323 और 504 , 452,427,506 आईपीसी की धाराओ मे फर्जी मुकदमा पंजीकृत करवाया गया