प्रयागराज : ख़बर देश भर मे आतंक का पर्याय रहे समाजवादी पार्टी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री व सपा सुप्रीमों मुलायम यादव के करीबी अतीक अहमद से जुड़ी है , कुख्यात अपराधी अतीक अहमद व उसके भाई खालिद अजीम उर्फ़ अशरफ को 15 मार्च शाम 8: 36 बजे रात मोती लाल नेहरू मण्डलीय चिकित्सालय मे नियमित जांच के लाये जाने के दौरान ताबड़तोड़ गोलीबारी कर मार डाला था ,हमलावर मीडिया कर्मियों के भेष मे चकमा देने के लिए भीड़ मे दाखिल हुए थे और मौका देखकर अचानक फायरिंग शुरू कर दी पुलिस ने तीनो हमलावरों को गिरफ़्तार किया था आरोपियों लवलेश, मोहित उर्फ शनी व अरुण कुमार के पास से कई विदेशी अत्याधुनिक हथियार बरामद हुए है जो भारत मे प्रतिबंधित और 5 से 7 लाख रुपये कीमत के हैं जाँच जारी है इसी बीच विपक्ष सरकार को घेरने के लिए प्रदेश की पुलिस व्यवस्था पर आरोप लगा रही है कि कैसे इतनी सुरक्षा के बीच देश का सबसे बड़ा अपराधी गोलियों से भून डाला गया, बताते चले कि अतीक अहमद देश का ऐसा अपराधी था जिस पर सबसे ज्यादा मुकदमे थे उस पर 2012 से 2014 के बीच 180 मुकदमे थे और उसके 44 साल के आपराधिक इतिहास मे कभी किसी अपराध मे उसे सजा नही सुनाई गई थी, क्योकि गवाहो को भी मार डाला जाता था हर राजनीतिक दल मे उसके लोग थे दहशत इतनी थी कि जज, पुलिस, माफिया के साथ बिहार, महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यो मे उसकी तूती बोलती थी इसी काले साम्राज्य से उस ने 11 हजार करोड़ की अकूत संपत्ति बना रखी है जिसमे लगभग 1600 करोड़ की संपत्ति को सरकार ने जप्त कर लिया है या बुलडोजर चलाकर अवैध कब्जा हटाया गया है, उसकी पैरवी करने वाले नेता ये बताने कि हिम्मत भी नही जुटा पा रहे कि कौन सी भैस का दूध बेचकर या कौन सी समाजसेवा से इतनी संपत्ति कमाई जा सकती है? या गरीबों की संपत्ति उसके गुर्गो व करीबियों के नाम कैसे चली जाती थी?
उसकी मौत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे है क्योकि उसने गवाह उमेश पाल हत्याकांड मे कोर्ट मे जो बयान दिये थे वो देश मे आतंकी नेटवर्क और कई भारत विरोधी तत्वों के लिए खतरा थे, अतीक अहमद और उसके भाई खालिद मौत मे दर्ज पुलिस रिपोर्ट के अनुसार जिले के थाना धूमनगंज में दिनाक 25/2/23 को मु. अ.स. 114/23 धारा 302,307,147, 148, 149, 506, 34, 120B IPC व 3 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व 7 CLA ACT पंजीकृत किया गया जिसमें अतीक व अशरफ नामजद अभियुक्त थे जिसकी विवेचना प्रभारी निरीक्षक द्वारा की जा रही है। अतीक अहमद पूर्व से ही केन्द्रीय कारागार गुजरात व खालिद अजीम उर्फ अशरफ बरेली जेल में निरुद्ध थे मुकदमे मे दोनो अभियुक्तगण के विरुद्ध 120B IPC के अपराध का साक्ष्य मिला जिसके आधार पर अतीक अहमद व अशरफ के विरुद्ध माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रयागराज द्वारा वारंट B का आदेश जारी किया गया आदेश की प्रति केन्द्रीय कारागार साबरमती व केन्द्रीय कारागार बरेली में विशेष वाहक भेजकर प्राप्त करा दी गई, माननीय न्यायालय के द्वारा जारी वारण्ट B आदेश के अनुपालन में अभियुक्त अतीक अहमद को केन्द्रीय कारागार साबरमती गुजरात से व अभियुक्त खालीद अजीम उर्फ अशरफ को केन्द्रीय कारागार बरेली से दिनांक 12/4/23 को प्रयागराज लाया गया तथा न्यायालय श्रीमान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रयागराज के आदेश के अनुपालन में दोनो अभियुक्तो को केन्द्रीय कारागार नैनी मे दाखील किया गया तथा न्यायालय श्री मान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रयागराज के आदेश से अतीक अहमद का बयान लिया गया अतीक अहमद द्वारा अपने बयान में बताया गया कि अतीक का सम्बन्ध आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा व पाकीस्तान की सुरक्षा एजेंसी व दुनिया भर मे आतंक के लिए विख्यात ISI से है, ISI पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से पंजाब प्रान्त में हथियार गिराये जाते है तथा पंजाब में ISI से जुड़ा व्यक्तियों द्वारा उन हथियारों को इकट्ठा कर के कुछ लश्कर ए तैयबा को भेजता है तथा कुछ हथियार खालिस्तानी अलगाव वादी संगठनों को दिया जाता है और उन्हीं में से कुछ हथियार जैसे 45 बोर के पिस्टल, AK 47, स्टेनगन ( मशीन गन) व RDX जैसे विस्फोटक मुझे भी उपलब्ध कराते है जिसका मैं भुगतान भी करता हूँ इन संगठनों के लोग मेरे यहा आते जाते थे इन लोगों से आपस में की गयी बात से ये जानकारी प्रात हुई थी कि ये लोग देश में कोई बड़ी घटना करना चाह रहे है अतीक अहमद द्वारा बताया गया की जो ISI से जुड़ा व्यक्ति है और हथियार का कारोबार करता है व जिससे मुझे हथियार प्राप्त हुए है उस व्यक्ति का पता मुझे व अशरफ को मालूम है जिसे हम दोनो लोग जेल में रह कर नही बता सकते यदि साथ चले तो चल कर दिखाया जा सकता है क्यों कि कुछ पता मैं जानता हूँ। और कुछ पता अशरफ जानता है इन्हीं से लिये गये हथियारो से उमेश पाल व उसके दो पुलिस कर्मियों की हत्या में उपयोग में लाये गये व हत्या के बाद रखे हुए हथियारों का पता हम दोनो लोग साथ चल कर बता सकते है क्यों कि उन जगहो का कोई मकान नम्बर नही है जिसे जेल से बता पाना संभव नही है यदि हम दोनो साथ चले तो चल कर दिखा सकते है, अभियुक्त अशरफ द्वारा भी अतीक के बयानों की पुष्टि की गई , प्रदेश मे गहमागहमी उमेश पाल की दिन दहाड़े हुई हत्या के बाद से है उमेश पेशे से एक वकील थे और इसके साथ ही वह आज से लगभग 18 साल पहले हुए बहुजन समाजवादी पार्टी के विधायक राजू पाल (जो कि उनके दोस्त थे) की हत्याकांड के चश्मदीद गवाह थे विधायक राजू की दिन दहाड़े निर्मम हत्या के बाद एक रैली मे अतीक को अपने बगल खड़ा कर प्रदेश की उस समय सबसे ताकतवर शक्सियत मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि अतीक राजू पाल की हत्या मे शामिल ही नही हो सकता है, जिसके बाद पुलिस से लेकर प्रशासन तक सभी अतीक से दूरी बनाकर रहने लगे कि कही मुलायम सिंह को कुछ बुरा न लग जाए और जिससे अतीक का रुतबा और हनक और बढ़ गई , गवाह उमेश पाल को बसपा विधायक हत्याकांड मे अतीक अहमद और उसके गुर्गों के खिलाफ़ गवाही देनी थी इसी कारण अतीक के इशारे पर उसकी पत्नी, भाई और बेटे और उसके लोगों ने साजिश कर हत्या करवा दी थी, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधान सभा मे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये थे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भड़काया था जिसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा यूपी के माफिया को मिट्टी मे मिलाने की बात कही गई थी और पुलिस ने तत्काल हरकत मे आकर उमेश पाल हत्याकांड मे आरोपी अतीक के शूटरो सहित उसके फरार लड़के और 5 लाख के इनामिया असद अहमद को इंकाउंटर में मार गिराया था, बेटे की मौत से आहत अतीक पुलिस को कई राज बताने वाला था , जिससे पाकिस्तानी एजेंसी ISI से जुड़े और भारत मे आतंक की साजिश रचने वाले कई नेताओं और उनके आतंकी हैंडलरो का पर्दाफ़ाश हो जाता लेकिन इसके पहले ही हमलावरों द्वारा अस्पताल मे दोनों भाईयों को गोली मार दी गई जिससे दोनों अपराधियों की मौत हो गई