फिर से कट्टरपंथियों ने होली को निशाना बनाने की करी कोशिश, हिंदू त्यौहार को बताया महिला विरोधी

Thejournalist
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 संपादकीय : पिछले कुछ वर्षो से लगातार भारत के बहुसंख्यक समाज के लोगों के त्यौहारों को इस्लामिक कट्टरपंथियों व वामपंथी ( कंयुनिष्ट) संगठनो द्वारा निशाना बनाया जा है इस बार विवाद की शुरुआत वैवाहिक मिलान की वेबसाइट भारत मेट्रिमोनियल से हुई वेबसाइट की तरफ़ से उसके ऑफिसियल ट्वीटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया गया जिस पर जिसमे एक महिला आती दिखाई देखी है जिसे अबीर और रंग लगे हुए है वह अपने चेहरे को पानी से साफ करती है तो पता चलता है कि उसके चेहरे पर चोट के निशान है वीडियो मे बड़ी ही चालाकी से होली को महिलाओ के खिलाफ हिंसा व शोषण से जोड़ दिया गया था, बड़ी सख्या मे ट्विटर यूजर्स और हिंदू संगठनो द्वारा भारत मेट्रिमोनियल की इस हरकत का विरोध किया गया लेकिन वेबसाइट द्वारा कोई प्रतिक्रिया नही दी गई




 , बल्कि इससे कट्टरपंथियों को बल मिला और उन्होंने भी होली को हिंसक त्यौहार बताते हुए कई हैसटैग चलाये और होली को बैन करने व  इसकी जगह महिला दिवस मनाने का एजेंडा चलाया, विवादित एड वीडियो को एक्चेन्ज फॉर मीडिया गुरुप ने तैयार किया था जिसका काँटेंट प्रोवाईडर हैदर अली आमिर है इसके पहले भी कई कंपनियों जोमाटो,अमेजन,पेटा, तनिष्क इंडिया के द्वारा विज्ञापन और एड वीडियो मे हिंदूओं का अपमान इस्लामिक कट्टरपंथियों व वामपंथी संगठनो द्वारा लगातार किया जा रहा है हर बार एक धर्म को निशाना बनाने की कोशिश करने वाले ये लोग इसलामिक कुरीतियों हलाला,मुताह,तीन तलाक जैसे महिला विरोधी नियमो पर सवाल पूछने पर इस्लाम को खतरे मे बताने लगते है या इस्लाम का अपमान बताते हुए तन सर जुदा के नारे लगाकर लोगों को डराने की कोशिश अपने चरमपंथ से करते है ऐसा नही है कि मुगल या वामपंथी संगठन सिर्फ होली पर ही ऐसा करने की कोशिश करते है वो हिंदुओ के हर त्यौहार को बदनाम करने का प्रयास करते है जो इनकी घृणित मानसिकता को दर्शाता है उन्हे भारत की महिलाओ की चिंता है लेकिन उनके मजहबी समाज मे ही महिलाओ का हलाला के नाम पर बलात्कार व शारीरिक शोषण किया जाता है छोटी छोटी बच्चियों तक को काले बोरे ( बुर्का) में कैद रखा जाता है और वजह बताई जाती कि शैतान की नज़र से बचाया जा रहा है यह किसी दकियानूसी सोच के अलावा क्या हो सकता है,कई मुस्लिम नेता और मुल्ला, मौलाना के आपको सैकड़ो वीडियो आपको सोशल मीडिया मे मिल जायेंगे जिसमें वह मुस्लिमो को बताते है कि महिलाएं उनकी खेती और उनके बच्चे पैदा करने की मशीनें हैं, वो दुनिया भर की महिलाओ के खिलाफ घृणा फैलाते है और मजहब की आड़ मे छिपने की कोशिश करते है यह बताकर कि ये सब उनके मजहब का हिस्सा है, ईद जैसे मजहबी त्यौहारों मे लाखों की संख्या मे जानवरो को काटा जाता है बड़े सख्या मे खून, हड्डियों व चमड़े से गंदगी और प्रदूषण भी फैलता है मांस को साफ करने मे करोडो लीटर पानी बर्बाद होता है वायु व जल प्रदूषण होता है, जबकि देश मे पशुओ पर क्रूरता रोकने का कानून भी है और वायु और जल प्रदूषण रोकने के भी कानून



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