UP : डॉ भीमराव के प्रतीकात्मक चित्र को जलाने वाले राष्ट्रवादी पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश मिश्र को गिरफ्तार किया गया था वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर के बढहड़गंज के रहने वाले हैं और 20 वर्ष से समाजसेवा के जरिये सामाजिक मुद्दों को उठाते रहे हैं जिस वायरल वीडियो के आधार पर प्रशासन द्वारा माननीय मिश्र की गिरफ्तारी हुई थी उसमें वह आरक्षण के खिलाफ दिल्ली में मंडल कमीशन और उस समय की मौजूदा VP सिंह सरकार के खिलाफ आंदोलन में आत्मदाह करने वाले राजीव गोस्वामी जैसे युवाओं को श्रद्धांजलि देने की बात कह रहे थे
जब हमारी टीम ने उनकी पार्टी के पदाधिकारियों से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि श्री मिश्र की विचारधारा किसी जाति , धर्म ,समुदाय के खिलाफ नही है लेकिन वो जातिगत तौर पर फैले आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं जिससे जातिगत भेदभाव समाज मे फैला हुआ है
झूठे SC/ST केस और हिन्दू आस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ
राष्ट्रवादी पार्टी ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों के अनुसार श्री जय प्रकाश मिश्र राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक हैं वो कहते हैं कि कुछ लोग डॉ भीमराव का नाम लेकर हिंदू देवी ,देवताओं की प्रतिमाओं और उनके धार्मिक ग्रंथों का अपमान करते हैं शोषल मीडिया पर हिंदुओ को आहत करने वाली अश्लील तस्वीरें और लेख पोस्ट किए जाते हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है
झूठे SC/ST एक्ट में लोगों को फसाकर धन उगाही की जाती है माननीय उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय भी इस बात को समय समय पर मानता रहा है झूठे केस में फसाकर उनसे व्यक्तिगत दुश्मनी निकाली जाती है ये घटनाएं समाज मे समरसता को खत्म कर रही है जो देश के हित में नही है यह देश की अखंडता और एकता के अनुरूप नही है जो लोग कहते है ये दलितों के अधिकार से जुड़ा मामला है वही लोग समाज मे भेदभाव बढ़ा रहे हैं
हो रही है रिहाई
शोषल मीडिया फेसबुक और ट्विटर पर लगातार कार्यकर्ताओ द्वारा #प्रकाश_मिश्रा_को_रिहा_करो चलाया जा रहा है और सरकार से मांग की जा रही है कि उनके नेता को जल्द जल्द बाहर किया जाय
एक पदाधिकारी ने हमे बताया कि श्री मिश्र की रिहाई के लिए कोविड 19 के प्रोटोकॉल के अनुसार जमानत का प्रार्थना पत्र दिया गया है सरकारी छुट्टियों के कारण अभी जमानत नही हुई है न्यायालय का अवकाश खत्म होते ही उन्हें गोरखपुर न्यायालय से जमानत मिल जायेगी कार्यकर्ताओ में उनकी रिहाई को लेकर काफ़ी उत्साह है