चंडीगढ़ : फिरोजपुर के एक प्रेमी जोड़े ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की थी जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया
प्रेमी जोड़े ने कोर्ट से कहा कि लड़की और लड़का दोनों आपस मे प्रेम करते हैं और लड़की नाबालिग है दोनों अपने घर से भागकर एक साथ रहने लगे और सोचा कि जब लड़की बालिग होगी तो शादी कर लेंगे
घर से भागने के बाद उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए जनवरी माह में SSP और जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा था जिसमे प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने का आग्रह किया गया था
प्रेमी जोड़े के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रशासन का सहयोग नही मिलने पर न्यायालय के पास आये हैं
विवाह अमान्य , लड़की नाबालिग तो प्रेमी नही दे सकता अभिभावक की तरह हलफनामा
न्यायालय ने कहा कि प्रेमी द्वारा अभिभावक की तरह हलफनामा पेश करना न्यायसंगत नही है नाबालिग अपने अच्छे बुरे का विचार करने में सक्षम नही माना जा सकता इस तरह की याचिका का कोई वास्तविक आधार नही है पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि कोई भी नाबालिग अगर किसी से प्यार करती है और अगर शादी करती है तब भी प्रेमी या पति होने का दावा करने वाला व्यक्ति नाबालिग का संरक्षक होने का दावा पेश नही कर सकता नाबालिग के संरक्षक के तौर पर माता- पिता , उसके भाई ,बड़ी बहन ,करीबी रिश्तेदार जिसमें चाचा - चाची प्राकृतिक संरक्षक ही उसका हलफनामा पेश कर सकते हैं