दिल्ली : कृषि कानूनों की समीक्षा को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनो को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया है जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा ' कोई जब चाहे तब , जब भी मर्जी हो प्रदर्शन नही कर सकता' न्यायालय ने इसके पहले दाखिल CAA विरोध प्रदर्शन के समय याचिका को खारिज कर दिया था लेकिन तल्ख टिप्पणी करते हुए ये भी कहा था कि सार्वजनिक स्थान पर अनिश्चित काल के लिए कब्जा स्वीकार नही है

कनीज़ फातिमा एवं अन्य की याचिका ख़ारिज
न्यायालय ने कहा कुछ प्रदर्शन लोकतांत्रिक हो सकते हैं लेकिन लम्बे समय तक सार्वजनिक स्थान पर कब्ज़ा नही किया जा सकता न्यायालय ने खुली कोर्ट में भी सुनवाई के आग्रह को ठुकरा दिया सर्वोच्च अदालत ने गत वर्ष अक्टूबर माह में कहा था कि लोकतंत्र और असन्तोष साथ साथ ही चलते हैं संवैधानिक व्यवस्था में विरोध जताने और प्रदर्शन का अधिकार है इसमें कुछ कर्तव्य भी निहित हैं हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन की हिमायत करतें हैं प्रदर्शन निश्चित स्थान पर किये जायें लेकिन प्रदर्शन के नाम पर सार्वजनिक स्थलों पर यदि अनिश्चित काल के लिए कब्जा किया जाता है तो प्रशासन का दायित्व है कि वह उसे कब्जा मुक्त कराए CAA के दौरान सुनियोजित तरीक़े से कुछ क़ौमी संगठनों ने दिल्ली की कुछ सड़को को महीनों तक बंधक बनाकर रखा था कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रदर्शनकारीयो ने जगह को खाली कर दिया था