अयोध्या : मामला जनपद तहसील सदर क्षेत्र और थाना कोतवाली अयोध्या के ग्राम माझा बरहटा से जुड़ा है शिकायतकर्ता फूल चंद ने हमारे व्यूरो को बताया कि पिता की जमीन उनकी मृत्यु के बाद उनके वारिसान के नाम दर्ज की गई थी लेकिन महर्षि रामायण विद्या पीठ ट्रस्ट नाम की संस्था द्वारा फ़र्जी दावा किया गया कि उन्होंने जमीन को वर्षों पहले खरीद लिया है जबकि दलितों की संरक्षित भूमि को कोई ऐसे ही नही ले सकता है साथ ही संस्था के लोग दावे के अनुसार कभी कोई दस्तावेज नही दिखा सके साथ ही जमीनों पर लंबे समय से अवैध कब्जा करने का प्रयास जारी रखा लेकिन शिकायत कर्ता की जगरूकता के कारण वह हमेशा असफल हुए
शिकायतकर्ताओं की दर्जनों शिकायतों के बाद भी जब तहसील, जिला प्रशासन ने माफिया पर कार्यवाही नही की तब थक हार कर पीड़ितों ने अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग मे शिकायत दर्ज करा दी जिस पर आयोग ने सभी रिपोर्ट सहित जिलाधिकारी को समन भेजा लेकिन दो नोटिसो के बाद भी डीएम ने ना रिपोर्ट भेजी ना हाजिर हुए और लागतार आयोग के आदेश की अवमानना करते रहे, जिसके बाद आयोग ने मण्डलायुक्त अयोध्या को नोटिस भेज दिया, जिस पर खार खाये जिला प्रशासन ने सुनियोजित तरीके से एक आम आदमी को परेशान करने की नियत से शांति भंग की आशंका 126/135 BNSS के चलते उसका पुरानी तारीख दिखाकर चालान कर दिया, जिसका नोटिस शिकायतकर्ता फूलचन्द पुत्र राम प्रसाद, निवासी - खाले का पुरवा को 6 जनवरी 2025 को मिला है रेजीडेंट मजिस्टेट् द्वारा जारी इस नोटिस मे शिकायतकर्ता को 6 माह के लिए पाबंद किया गया है साथ ही एक - एक लाख के दो जमानतें और व्यक्तिगत बंध पत्र की मांग की गई है, इसके अलावा पीड़ितों की भूमि पर जिला प्रशासन और माफिया के इशारे पर हल्का लेखपाल द्वारा जबरन पीड़ितो के खेत के बीच से एक रास्ता प्रॉपर्टी डीलरो के प्लॉट तक अवैध तरीके से नाप दिया है साथ ही लेखपाल द्वारा धमकी दी गई कि जो उखाड़ना है उखाड़ लो तुम सड़कछाप लोग कुछ नही कर पाओगे, जल्द ही तुम्हारी पूरी जमीन कब्जा कर ली जायेगी और तुम लोग कुछ नही कर सकोगे,हम ही सिस्टम हैं