अयोध्या : प्रदेश मे भ्रष्टाचार का ये आलम है कि पूर्व की सपा सरकार से लेकर अभी तक जो चौकी इंचार्ज/थाना प्रभारी/ लेखपाल/ सरकारी कार्यालयों के बाबू/अध्यापक/कलेक्ट्रेट व सिविल कोर्ट के कर्मी और पेशकार जिन्हें निचले स्तर का भ्रष्टाचारी माना जाता था वो साइकिल या मोटरसाइकिलों से नही वीआईपी कारों से चलते हैं साहब का रौब रहता है इन सबकी संपत्तियों मे पिछले एक दशक मे 5 गुणा से लेकर 50 गुणा तक बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन पूरे सिस्टम को देश मे कहीं भी काला वाला धन और भ्रष्टाचार दिख नही रहा, इन्होंने अपनी गर्दनें शुतुरमुर्ग की तरह रेत मे दबा दी है इनका कहना है कि सब लल्लनटॉप चल रहा है उप्पर तक पैइसा जाता है ताजा मामला जनपद के अपर निदेशक (कोषागार एवं पेंशन) फैजाबाद मण्डल परिक्षेत्र से जुड़ा है इस विभाग को जिले का आम आदमी भले ना जाने लेकिन सरकारी कर्मचारी जरूर जानते है इन्ही विभाग से सरकारी विभागों के कर्मियों की पेशन निर्धारित व सुनिश्चित की जाती है इस पूरे कार्य के लिए पूरे मंडल मे 3 बाबूओ की नियुक्ति की गई है जिनको ऊपर से ही 5 हजार से 1 लाख रुपये पेशन निर्धारित व सुनिश्चित करने के लिए वसूली का आदेश मिला है भ्रष्टाचारी तो इनका मौसेरा भाई है
उसने आम जनता को जीवन भर लुटा है वो पैसे दे देता है जिसने इस दौर मे गलती से ईमानदारी का जीवन जी लिया आम जन को नही लूटा वो कैसे देगा, हमारे व्युरो से बात करते हुए ए० के० पांडेय ( सेवानिवृत्त) पूर्व अध्यक्ष चिकित्सा एवं सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तर प्रदेश शाखा फैजाबाद ने बताया कि उनके कार्यालय मे अपर निदेशक (कोषागार एवं पेंशन) फैजाबाद मण्डल के बाबुओ की दर्जनों लिखित शिकायतें आती थी कि वह सरकारी कर्मियों से जमकर धन उगाही कर रहे है रिश्वत नही देने पर उन्हें दौड़ाया और प्रताड़ित किया जाता है स्पष्ट शब्दो मे कहा जाता था कि पैसे लाओ नही तो फ़ाइल आगे नही बढ़ेगी , जिसके लिए इन्होंने 30 मार्च 2013 को एक पंजीकृत पत्रांक अपर निदेशक (कोषागार एवं पेंशन) फैजाबाद मण्डल को शिकायतकर्ताओं के नाम, पद,विभाग, पतो के साथ भेजा था शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि प्रदीप कुमार सहायक लेखाकार द्वारा लोगों से अवैध धन उगाही व भ्रष्टाचार किया जा रहा है लेकिन इतने बड़े संगठन से शिकायत मिलने के बाद भी निदेशक/ अपर निदेशक द्वारा ना तो भ्रष्ट बाबूओ पर कार्यवाही की गई ना ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया , साथ ही भ्रष्टाचार को पोषित करने के लिए शिकायतों को कुड़ेदान में फ़ेक दिया गया , शिकायतकर्ता के अनुसार यह क्रम लगातार जारी है अगर इन्ही 10 वर्षों मे कितने लोगों की पेशन विभाग द्वारा सुनिश्चित की गई यही सूची निकाल ली जाए तो पूरे विभाग मे करोड़ो / अरबो के भ्रष्टाचार और उनके अधिकारीयों/ कर्मियों का काला चिठ्ठा सार्वजनिक हो जायेगा, क्योंकि कोई भी इन लोगों को भ्रष्टाचार से पोषित किये बिना अपना काम नही करा सका होगा क्योंकि मामला अयोध्या मंडल से जुड़ा है लोग अलग अलग जिलों से आकर कार्यालय के चक्कर लगाते हैं और एक समय के बाद मानसिक और आर्थिक रूप से टूट जाते हैं , शिकायतकर्ता के अनुसार उन्हें सेवानिवृत्त हुए लगभग 4 वर्ष हो गए है उन्होंने कई बार शिकायत की लेकिन नौकरशाहों की शह पर ये भ्रष्टाचार फलता- फूलता रहा ,आज भी लोग उनके पास आ रहे और अपनी शिकायतें और समस्याओं को साझा कर रहे हैं उनके हर प्रयास पर अधिकारियों द्वारा लीपापोती कर मामले को ठंडे बस्ते मे डाल दिया गया