अयोध्या : मामला जनपद के समाज कल्याण विभाग से जुड़ा है हमारे व्युरो द्वारा विभाग की कारस्तानी और साजिश का खुलासा लगातार किया जा रहा था कि कैसे नौकरशाह मौजूदा सरकार को जड़ से उखाड़ने की साजिश रच रहे है इसी बीच हमारे व्युरो को छात्रवृत्ति आवेदन सख्या 470390502200704
की जानकारी मिली, शिकायतकर्ता के अनुसार यह उसका द्वितीय वर्ष का रिनिवल फॉर्म है लेकिन उसे रिजेक्ट कर दिया गया ,वजह मे दर्शाया गया है कि यूपी, सीबीएससी, आईसीएससी बोर्ड से हाईस्कूल का अनुक्रमांक मिलान नही हो रहा है जबकि रिनिवल फॉर्म मे पहले वर्ष मे भरा अनुक्रमांक स्वचालित रूप मे भरा हुआ आता है जिसके गलत होने का कोई औचित्य ही नही है ,फॉर्म के जान बूझकर राजनीतिक घृणा से प्रेरित होकर ब्लॉक किये जाने से आवेदक मे निराशा है हमारे व्युरो ने जब मामले की पड़ताल के लिए विभागीय सूत्रों से बात की तो पता चला कि बड़ी संख्या मे छात्र- छात्राओं के साथ विभाग ने जिला समाज कल्याण अधिकारी की शह पर बड़ा खेला कर दिया है उन्होंने कसम खाई है कि योगी सरकार को उखाड़ फेकना है क्योकि विभाग भ्रष्टाचार का नंंगा नाच लंबे समय से नही कर पा रहा है और घूसखोरी तो नौकरोंशाहों का प्रोटीन है जिसके बिना इनको कमजोरी महसूस होती है इसके अलावा विभाग के कर्मचारी लोगों के साथ अभद्रता भी करते है और झूठ बोलकर लोगों को दौड़ाते है हो कुछ भी लेकिन नुकसान के भागी हर बार आम जनता, शोषित, वंचित, गरीब, गुरबा ही होगा, मामले मे आवेदक न्यायालय की शरण भी ले सकता है जिससे पूरे विभाग की फजीहत तय है साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय को जानकारी मिलने पर नौकरशाहों पर बाबा की नज़र भी टेढ़ी हो सकती है