मध्यप्रदेश : मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से जुड़ा है घटना इतनी बर्बर है जिसे सुनकर लोगों के रोगटे खड़े हो गये, दो फल बेचने वाले मुस्लिमो को एक बंगाली हिंदू वृद्धा प्रभा मुखर्जी ने अपने आवास के बाहर ठेले खड़े करने की जगह क्या दी मुस्लिम युवको ने वृद्धा सहित उसके दोनों बेटों जयंत और अमित की हत्या कर उसकी 700 करोड़ की संपत्ति हड़पने की साजिश रच दी लेकिन जाली दस्तावेजो के वजह से उनकी पोल खुल गई ऐसा दावा वृद्धा के रिश्तेदारों ने किया है
मुस्लिम मीडिया संस्थान साजिशकर्ताओं को मासूम बताने मे जुटे
इस्लामिक न्यूज़ एजेंसी नई दुनिया ने इस दावे को खारिज करते हुए न्यूज़ आर्टिकल मे बताया है कि वृद्ध ब्राह्ममण महिला ने मुस्लिमो को जीवित रहते ही अपनी संपत्ति मे अधिकार के लिए वसीयत बनवा दी थी , आज के दौर मे जब सड़क पड़े व्यक्ति को कोई उठाना नही चाहता है, अपने बच्चों को लोग संपत्ति से बेदखल कर देते है और हर रिश्ते मे कोई ना कोई संपत्ति विवाद जुड़ा रहता है उस दौर मे अपने दो युवा लड़को के जीवित रहते एक वृद्ध महिला अपनी संपत्ति मे दो मुस्लिमो को हिस्सेदार बना कर वसीयत देती है और दो वर्ष के भीतर वृद्धा के दो बेटों की एक एक कर दावे के अनुसार प्राकृतिक तौर पर मौत हो जाती है साथ ही वसीयत के आठ माह के भीतर वृद्धा की भी मौत हो जाती है और पूरा परिवार खत्म हो जाता है साथ ही महिला का अंतिम संस्कार मे सिर्फ दोनों मुस्लिम मोहम्मद अशरफ और गुड्डू अशरफ और एक प्रॉपर्टी ब्रोकर मौजूद थे जो वृद्धा की संपत्ति पर कब्जा कर लेते हैं जबकि मुगलो में प्राकृतिक तौर पर या किसी बीमारी से मौत नही होती है
सम्पति पर कब्जा कर बेचना शुरू किया और पैसे लगाए ठिकाने
700 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा कर असरफ बंधु जब वृद्धा की 100 करोड़ की एक संपति को बेचने का प्रयास कर रहे थे तब मृतका प्रभा के भतीजे आनंद चौधरी ने न्यायालय मे याचिका दायर कर मामले मे दखल की मांग की जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सम्पत्ति की बिक्री पर रोक लगा दी गई, हालाँकि आरोपी पहले ही अरबो की कई संपत्तियों को बेच कर परिवार के अलग अलग सदस्यों के नाम दूसरी जगह जमीने ख़रीद चुके हैं
वृद्धा की मौत के पहले ही मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए कर दिया आवेदन
जिस ग्वारीघाट शमशान घाट मे वृद्धा का अंतिम संस्कार करने का दावा किया गया उसके रिकॉर्ड के मुताबिक 29 अप्रैल 2015 को प्रभा का अंतिम संस्कार किया गया जिसमें सिर्फ 3 लोग मौजूद रहे ,दोनों मोहम्मद अशरफ , गुड्डू असरफ और एक प्रॉपर्टी ब्रोकर माना जा रहा है कि इन्ही ने मिलकर बड़ा खेल किया है मृत्यु प्रमाण पत्र के मुताबिक प्रभा की मौत 29 अप्रैल को हुई लेकिन अशरफ बंधु सुनियोजित साजिश से उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन 24 अप्रैल को ही जबलपुर नगर निगम में दे चुके थे
पुलिस ने नाटकीय ढंग से दर्ज की एफआईआर , दिये अजीबोगरीब तर्क
पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच का दावा तो किया लेकिन बाद मे कहा कि संपत्ति का विवाद सिविल वाद से जुड़ा होता है जिसका फैसला न्यायालय करेगा, वृद्धा व उसके दोनों पुत्रों की संदिग्ध मौत पर पुलिस का कहना है घटना को कई वर्ष बीत गए साक्ष्य जुटाना टेढ़ी खीर है मकान, मार्केट सहित अन्य सम्पतियों पर अशरफ बंधुओ का वर्षों से कब्जा है
अग्रेजों के जमाने से थी जमीदारी
वृद्धा के पति की अग्रेजी हुकुमत मे भी जमीदारी थी जमीदारी उन्मूलन के बाद भी उनके पास 500 एकड़ से अधिक की सम्पति, कई मकान, मार्केट, बाग - बाग़ीचे जैसी बेशकीमती जमीने शहर के बीचोबीच मौजूद थी महिला जहाँ रहती थी जवाहर गंज में घमण्डी चौक पर स्थित ये प्रॉपर्टी कभी इस जगह पर सबसे महगी संपत्ति थी जिसमें 70 कमरों का आलीशान बंगला हुआ करता था मृतका के भतीजे के अनुसार मृतका वृद्धा की कुल अनुमानित सम्पति की कीमत लगभग 700 करोड़ है जिस को मुगलों ने साजिश कर हड़प लिया और कई संपत्तियाँ बेच भी दी