अयोध्या : न्यायालय ने लगाई फटकार
मामला जनपद के न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फैजाबाद से जुड़ा है जिसमे
मो० अली उर्फ अली बाबा द्वारा मुख्य न्यायधीश उच्च न्यायालय प्रीतिकर दिवाकर पर आरोप लगाते हुए याचिका प्रस्तुत की गई
जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले को सिर्फ़ अंनर्गल आरोप मानते हुए 25 अप्रैल 2023 को खारिज कर दिया और बेहद कठोर टिप्पणी की पत्रावली के अनुसार पत्रावली पेश हुई। प्रार्थी मो० अली उर्फ अली बाबा को सुना गया परिवाद इस कथन के साथ प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी ने उपरोक्त विपक्षी को पंजीकृत डाक के माध्यम से शिकायती प्रार्थना-पत्र दिनांक 27.03.2023 को प्रभारी सत्र न्यायाधीश, फैजाबाद के विरुद्ध प्रेषित किया था। विपक्षी द्वारा प्रार्थी के शिकायत प्रार्थना-पत्र पर कोई कार्यवाही न करके विधि की अवज्ञा की गयी है। अतः उनके विरूद्ध संज्ञान लेते हुए विचारण किये जान की याचना की गयी है।
न्यायालय द्वारा पत्रावली एवं याचिकाकर्ता द्वारा दाखिल प्रलेखीय साक्ष्य का अवलोकन
किया गया, परिवादी द्वारा अपने प्रस्तावित परिवाद में जो कथन किये गये हैं ये माननीय उच्च न्यायालय के वर्तमान माननीय मुख्य न्यायमूर्ति से सम्बन्धित हैं प्रार्थी के प्रस्तावित परिवाद के कथन एवं दाखिल प्रलेखों के अवलोकन से कोई ऐसा कथन किया जाना परिलक्षित नहीं होता है जिससे विधि की कोई अवज्ञा हुई हो तथा प्रथम दृष्टया इस सम्बन्ध में भारतीय दण्ड संहिता में परिभाषित किया अपराध का होना उद्घाटित होता हो। प्रार्थी द्वारा पूर्व में भी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए बिना किसी ठोस आधार के विभिन्न लोकसेवकों एवं प्रशासनिक व न्यायिक अधिकारीगण के विरुद्ध प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किये जाते रहे है। इस मामले में इस न्यायालय द्वारा कोई कार्यवाही किया जाना विधि सम्मत नही है। प्रार्थी की ओर से प्रस्तावित परिवाद ग्राहयता के बिन्दु पर ही निरस्त किये जाने योग्य है।