दलित माफिया ने SC/ST केस में फ़साने की धमकी देकर मूक बाधिर पुजारी की जमीन कब्जाई ,सदमें में हुई मौत

Thejournalist
0
 राजस्थान : के दौसा के महुआ थाना क्षेत्र के टिकरी जाफरान गांव में दबंगो द्वारा जबरन ज़मीन पर कब्ज़ा करने पर पुजारी की सदमे में मौत का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। जाफरान गाँव में राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी शिब्बू शर्मा की ज़मीन गाँव के ही कुछ दबंगो द्वारा हड़प ली गई थी
https://www.thejournalist.gq/
प्रतीकात्मक चित्र साभार~ Google.com


पीड़ित हैं मूक बाधिर
 जबरन मूक बधिर पुजारी से रजिस्ट्री करा दबंगो ने करीब 28 बीघा ज़मीन को अपने नाम करा लिया। जानकारी होने पर पुजारी ने जब अपनी ज़मीन को वापस माँगा तो उन्होंने पुजारी को प्रताड़ित करने शुरू कर दिया। कुछ लोगो ने बताया कि पुजारी को दबंगो द्वारा इतनी पीड़ा पहुंचे गई कि सदमे से उनकी मौत हो गई। प्रकरण का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमे पुजारी को मरने से पूर्व रोते हुए देखा जा रहा है। 

SC/ST केस में फ़साने की धमकी देकर कराई जमीन की रजिस्ट्री

वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा चौथे आसमान पर पहुंच गया। वहीं घटना की जानकारी पर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी मौके पर पहुंचे व पुजारी का शव रख आरोपियों की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे है। गांव के ही लोगो ने हमें बताया कि यह प्रकरण करीब एक महीने से चल रहा था। मूक बधिर होने के कारण पीड़ित की लगभग 28 बीघा ज़मीन की जबरन डरा धमका कर रजिस्ट्री करवा ली गई थी। प्रताड़ित होने के कारण सदमे से पुजारी की मौत हो गई। गाँव के बाहुबली मीणा जाति के लोगो ने छीनी थी पुजारी की ज़मीन पुजारी की ज़मीन हड़पने व उन्हें प्रताड़ित करने में बाहुबली जाति से आने वाले दबंगो का हाथ रहा था। परिजनों ने बताया कि रजिस्ट्री बलवीर सिंह मीणा व सत्यवती मीणा पत्नी बनवारी मीणा के नाम पर हुई है।

पहले भी सामने आ चुके हैं मामले
 वहीं रामनिवास मीणा , मजदूरी लाल मीणा व भीम सिंह मीणा पुजारी को धमकाने व प्रताड़ित करने में शामिल रहे। कुल 8 से 10 लोगो ने पुजारी को मरने पर मजबूर किया था। इससे पहले यही लोग मंदिर परिसर की ज़मीन को भी हड़प चुके थे। करौली में जलाकर पुजारी की हो चुकी है हत्या पुजारी की ज़मीन हड़पने का यह पहला प्रकरण प्रदेश में नहीं आया है। इससे पहले मीणा जाति के लोगो द्वारा करौली में मंदिर के पुजारी को ज़मीन विवाद में जिन्दा जला दिया गया था। उस समय पुजारी को न्याय दिलाने के लिए काफी विरोध प्रदर्शन भी हुए थे

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)
'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();