दिल्ली : नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया के संपादक (मलयालम) और बच्चों के साहित्य के केरल इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक एक्टिविस्ट रुबीन डीक्रूज के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली में काम कर रही एक मलयाली महिला की शिकायत के अनुसार यह घटना 2 अक्टूबर, 2020 की है। पुलिस के मुताबिक शिकायत मिलने के बाद इस साल दो फरवरी को आईपीसी की धारा 354 (यौन हमला ) के तहत वसंत कुंज नार्थ पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया
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प्रतीकात्मक चित्र |
मदद का आश्वासन देकर किया उत्पीड़न
शिकायतकर्ता महिला का परिचय डीक्रूज़ से कॉमन फ्रेंड के द्वारा हुआ था जब वह दिल्ली में एक किराए का घर ढूँढ़ रहीं थीं। उनकी हर तरह से मदद करने का आश्वासन देकर डीक्रूज़ ने उस महिला को कथित तौर पर अपने घर बुलाया और उस पर यौन हमला करके इस मौके का फायदा उठाया
पीड़ित ने फेसबुक पोस्ट कर लिखा 'वामपंथ का असली चेहरा बेनकाब'
महिला ने इस कथित तकलीफदेह शारीरिक हमले, जिससे उसे गुजरना पड़ा, के बारे में एक फेसबुक (Facebook) पोस्ट भी डाला। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मुझे वाम-प्रगतिशील नकाबपोश का असली चेहरा देखना था जो मानवाधिकारों और समानता के बारे में फेसबुक क्रांति ला रहे हैं। प्रगतिशील, जिन्होंने सार्वजनिक मित्रों और फेसबुक के माध्यम से हुई जान पहचान के नाम पर मुझे भोजन के लिए घर आमंत्रित किया था और एक छोटी मित्रतापूर्ण बातचीत के बाद अपना असली रंग दिखा दिया। अगले कुछ दिनों ने मुझे सिखाया कि शारीरिक रूप से यौन हमला झेलने के बाद सबसे ज्यादा मजबूत लोग भी मानसिक रूप से टूट जाते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “मैं बहुत थोड़े दोस्तों के लिए ईमानदारी से अपना आभार प्रकट करती हूँ, जो अच्छे और बुरे दोनों समय में मेरे साथ खड़े रहे, मेरा परिवार (मेरी 72 साल की माँ सहित) जिसने साहस के साथ आगे बढ़ने के लिए कहा, जिसमें मेरी काउंसलिंग टीम भी शामिल है।”